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डिप्टी सीएम के खिलाफ दर्ज मनी लांड्रिंग का मामला खारिज, ED ने रिव्यू पिटिशन दायर की

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दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिग मामले को खारिज कर दिया।

2018 में दर्ज हुए इस मनी लॉन्ड्रिंग केस में डीके शिवकुमार पर करोड़ों रुपए की टैक्स चोरी और हवाला ट्रांजैक्शन करने का आरोप था। इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने शिवकुमार को सितंबर 2019 में गिरफ्तार भी किया था। हालांकि इसके एक महीने बाद ही दिल्ली हाईकोर्ट ने शिवकुमार को जमानत दे दी थी।

ईडी ने किया था 300 करोड़ रुपए बरामद होने का दावा

डीके शिवकुमार ने साल 2019 में मनी लॉन्ड्रिंग में अपनी गिरफ्तारी के बाद बीजेपी पर राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित होकर कार्रवाई करने का आरोप लगाया था। साथ ही कहा था कि उन्हें देश की न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है। ईडी की जांच के दौरान 2017 में शिवकुमार और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर इनकम टैक्स विभाग ने छापेमारी की थी। ईडी ने इन छापों में करीब 300 करोड़ रुपए बरामद होने की बात कही थी। इसके जवाब में शिवकुमार ने कहा था कि सारे पैसे बीजेपी के हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने शिवकुमार को राहत देते हुए क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि इंडियन पीनल कोड की धारा 120 बी के तहत दर्ज मामलों में ईडी PMLA लगा सकता है कि नहीं, इस पर कोर्ट पहले ही फैसला सुना चुका है। बता दें कि पिछले साल नवम्बर में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि आईपीसी की धारा 120 B के तहत आपराधिक साजिश को पीएमएलए एक्ट के तहत तभी शेड्यूल्ड अपराध यानी की अनुसूचित अपराध माना जा सकता है जब कथित साजिश कानून की अनुसूचित में शामिल हो।

ईडी ने फैसले के खिलाफ दायर की रिव्यू पिटीशन

ईडी ने इस आदेश पर रिव्यू पिटीशन दायर की है। इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर रिव्यू का अनुरोध स्वीकार किया जाता है तो एजेंसी मंगलवार को जारी किए गए आदेश रिकॉल करने के लिए स्वतंत्र है। बता दें कि शिवकुमार ने 2019 में ईडी की ओर जारी हुए समन पर रोक लगाने के लिए कर्नाटक हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हालांकि, कोर्ट से कोई राहत नहीं मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था।