रायपुर। विधानसभा में विधायक धरमजीत सिंह ने अवैध रेत खनन को लेकर सरकार को बड़ी चुनौती दी है। धरमजीत सिंह ने मंत्री को हेलीकॉप्टर से सर्वे करने की चुनौती दी है। उन्होंने कहा “अगर अभी 50 पोकलेन नदी में नहीं होंगे तो मैं विधानसभा से इस्तीफा दे दूंगा।”
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विधायक ने कहा “पूर्ववर्ती सरकार ने रेत का बड़ा खेल खेला है पूर्व की तरह पंचायत को देने की जरूरत है,15 दिनों तक लगातार कार्रवाई करने की जरूरत है। जुर्माने के प्रावधान से कुछ फर्क नहीं पड़ने वाला है। जिसके बाद मंत्री ने जवाब देते हुए “आगामी 15 दिनों तक रोज कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए है।”
दरअसल विधानसभा सदस्य शेषराज हरवंश ने सवाल किया “जिला जांजगीर-चांपा क्षेत्र में संचालित रेत खदानों का स्थान, रकबा, वार्षिक उत्पादन तथा खदान संचालनकर्ता का नाम क्या – क्या है ? वर्ष 2022-23 एवं 2023-24 में दिनांक 31 दिसम्बर, 2023 तक कितनी-कितनी रायल्टी प्राप्त हुई ?
जिसके जवाब में मंत्री चौधरी ने कहा कि जांजगीर-चांपा जिले में वर्तमान में 01 रेत खदान ग्राम पंचायत बोरसी, तहसील चांपा में 5.000 हेक्टेयर पर वार्षिक उत्पादन क्षमता 75000 घन मीटर हेतु वैभव सलूजा को स्वीकृत / संचालित है। जिले में प्रश्नाधीन अवधि में संचालित रेत खदानों से वर्ष 2022-23 में 2 करोड़ 03 लाख 95 हजार 200 तथा वर्ष 2023-24 में दिनांक 31 दिसम्बर, 2024 तक 30 लाख 90 हजार रूपये रायल्टी प्राप्त हुई।
शेषराज हरवंश ने अगला सवाल किया उपरोक्त खदानों में से किसमें किसमें, रेत के खनन के लिए और लोडिंग के लिए मशीनों का प्रयोग करने की अनुमति है ? जवाब में मंत्री ने कहा कि खनिज विभाग द्वारा रेत के खनन के लिए और लोडिंग के लिए मशीनों का प्रयोग करने की अनुमति दिये जाने का प्रावधान नहीं है। रेत खदान संचालन हेतु प्रदत्त पर्यावरण स्वीकृति में मानवीय संसाधन से खनन की अनुमति दिया गया है।
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शेषराज हरवंश ने आगे कहा कि क्या उक्त रेत खदानों के संचालकों द्वारा शर्तो का विगत दो वर्षों में उल्लंघन करने के कितने प्रकरण प्रकाश में आए है यदि हां, तो उनमें क्या-क्या कार्यवाही की गई है ? जांजगीर-चाम्पा जिले में वर्तमान में संचालित रेत खदान बोरसी के संचालकों द्वारा रेत शर्तों का विगत 02 वर्षो में उल्लंघन किये जाने के संबंध में कोई लिखित शिकायत प्राप्त नहीं हुई है। अपितु औचक निरीक्षण के दौरान पट्टेदार द्वारा स्वीकृत क्षेत्र से बाहर खनन पाये 20 फरवरी 2024 जाने पर अवैध उत्खनन का 01 प्रकरण दर्ज किया जाकर 72,000/- रूपये समझौता राशि वसूल किया गया है।