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पीएम मोदी का विपक्ष पर निशाना, इस काम को बताया “भारत के संविधान का अपमान”

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सदन में हंगामा करने वाले सांसदों का समर्थन और कोर्ट से सजा प्राप्त लोगों के सार्वजनिक महिमामंडन को लेकर विपक्षी दलों पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि “पहले अगर सदन के किसी सदस्य पर भ्रष्टाचार का आरोप लगता था, तो सार्वजनिक जीवन में सभी उससे दूरी बना लेते थे, लेकिन आज हम कोर्ट से सजा पाए भ्रष्टाचारियों का भी सार्वजनिक रूप से महिमामंडन होते हुए देखते हैं।” पीएम मोदी ने इसे कार्यपालिका, न्यायपालिका और भारत के महान संविधान का अपमान बताया।

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प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को मुंबई में आयोजित हो रहे 84वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन को वर्चुअली संबोधित करते हुए सदन और विधानमंडलों में हंगामे और राजनीतिक दलों द्वारा हंगामा करने वालों का समर्थन करने पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि “एक समय था जब अगर सदन में मर्यादा का उल्लंघन करने वाले सांसदों के खिलाफ नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाती थी,

तो सदन के बाकी वरिष्ठ सदस्य उस सदस्य को समझाते थे ताकि वह भविष्य में इस तरह की गलती ना दोहराए और सदन की मर्यादा को टूटने ना दे। लेकिन आज के समय में हमने देखा है कि कुछ राजनीतिक दल ऐसे ही सदस्यों के समर्थन में खड़े होकर उनकी गलतियों का बचाव करने लग जाते हैं, यह स्थिति संसद हो या विधानसभा, किसी के लिए भी ठीक नहीं है।”

प्रधानमंत्री ने इस सम्मेलन को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि 26 जनवरी को ही आज से 75 साल पहले हमारा संविधान लागू हुआ था यानी संविधान के भी 75 साल पूरे हो रहे हैं। इस सम्मेलन में उपस्थित सभी पीठासीन अधिकारियों के पास ये अवसर है कि वे एक बार फिर संविधान सभा के आदर्शों से प्रेरणा लें।”

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उन्होंने कहा कि आप सभी अपने कार्यकाल में भी कुछ ऐसा प्रयास करें, जो पीढ़ियों के लिए एक धरोहर बन सके। प्रधानमंत्री ने पिछले वर्ष ही संसद द्वारा ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ को मंजूरी देने और सरकार द्वारा गैर-जरूरी कानूनों को समाप्त करने सहित कई उपलब्धियों का जिक्र करते हुए युवाओं और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की वकालत की और साथ ही यह भी कहा कि भारत तभी प्रगति करेगा, जब हमारे राज्य समृद्ध होंगे।