रायपुर। बीज निगम (BEEJ NIGAM) में घटिया कीटनाशक बीज की सप्लाई करके किसानों की फसल बर्बाद करने वाले कंपनी संचालकों पर ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। विभागीय अधिकारी बीज की जांच में लापरवाही बरतते हुए, सप्लायरों को अभयदान दे रहे है। बीज निगम के जिम्मेदार अधिकारियों ने किसानों की शिकायत के बावजूद अब बीज का सैंपल जांच के लिए नहीं भेजा है।
हाल ही में बीना एग्रो बायोटेक कंपनी ने सरगुजा बीज व कृषि विकास निगम(BEEJ NIGAM) समेत बलरामपुर कृषि विभाग, सूरजपुर, अंबिकापुर समेत अन्य जिलों के कृषि विभाग के उप संचालकों ने लोकल रेट कांट्रैक्ट के तहत दो हजार लीटर एमिडा फ्लोफ्रीडा की आपूर्ति ली थी। इस रासायनिक दवा के छिड़काव का कीटों पर कोई असर नहीं हुआ। इससे करीब 32 हजार एकड़ में बोई गई फसल रोग मुक्त नहीं हो पाई।
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इसका पर्दाफाश होने के बाद अधिकारियों (BEEJ NIGAM) ने मौखिक रूप से नमूना लेकर फरीदाबाद अधिसूचित लैब में भेजे जाने की प्रक्रिया बताई, लेकिन हकीकत में कंपनी से अधिकारियों की मिलीभगत के चलते पूरे मामले को दबाने में लगे हैं। नमूने भेजने जाने की कार्रवाई में फर्जीवाड़ा का खेल जारी है। मामलें में बीज निगम के अधिकारियों का पक्ष जानने के लिए भैया जी न्यूज ने बार-बार उन्हें फोन किया, लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिया और ना ही मैसेज का रिप्लाई किया।
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ये है नियम और कार्रवाई का प्रावधान
- कंपनी के उत्पाद की जांच अधिसूचित लैब से करानी है
- तिथि लेबल आदि में सही जानकारी नहीं देने पर
- अमानक पाए जाने पर किसानों को क्षतिपूर्ति का प्रावधान
- घटिया मिलने पर 50 से 25 लाख रुपये जुर्माना
BEEJ NIGAM में ये कंपनियां प्रदेश में बीज की कर रही आपूर्ति
- बीना एग्रो कंपनी
- आर्युवेदिक क्राप केयर
- सृष्टि आर्गेनिक
- अथर्वा एग्रो केमिकल
- सत्यम बायोटेक
- यूनाइटेड पेस्टीसाइड
- रिच बायोकेमिकल
- आकाश लैबोरेटरीज
- एग्री लैंड बायोटेक लिमिटेड
- कृषि बायो प्रोडेक्टर एंड रिसर्च
- रुचि ओयस्टर मशरूम