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कैंसर-लिवर की नकली दवाओं की बिक्री, देश में निगरानी बढ़ी

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दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अलर्ट के बाद भारत ने कैंसर और लिवर की नकली दवाओं को लेकर सख्ती बढ़ा दी है। डब्ल्यूएचओ ने चेतावनी देते हुए कहा था कि भारत सहित चार देशों में आठ अलग-अलग बैच में कैंसर के इंजेक्शन एडसेट्रिस और लिवर की दवा डिफिटेलियो नकली बिक रही है। भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआइ) ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के औषधि नियंत्रकों को इन दोनों दवाओं की बिक्री, स्टॉक और आवाजाही पर कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं।

इसके साथ ही केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) ने दवा नियामकों को रैंडम नमूने लेने का निर्देश दिया है। राष्ट्रीय नियामक एजेंसी (WHO) ने डॉक्टरों और हेल्थ केयर पेशेवरों से दवा को सावधानीपूर्वक लिखने और दवा के रिएक्शन की जानकारी देने के लिए कहा है। जापानी दवा कंपनी टाकेडा फार्मास्यूटिकल्स की ओर से निर्मित एडसेट्रिस इंजेक्शन का उपयोग कीमोथेरेपी से पहले किया जाता है। डीसीजीआइ ने राज्य औषधि नियंत्रकों को भेजे पत्र में कहा कि ये दवाएं ऑनलाइन आसानी से मिल जाती हैं। ऐसे में इन पर विशेष निगरानी की जरूरत है।

अधिकृत स्रोतों से खरीदें, बिल लें

डीसीजीआइ ने लोगों को सावधान करते हुए कहा कि वे दोनों दवाओं (WHO) को अधिकृत स्रोतों से ही खरीदें। दवा का बिल आवश्यक रूप से लें। डीसीजीआइ ने अधिकारियों से दवाओं के नमूने लेने और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत आवश्यक कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए।