मुंबई। महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के इरशालवाड़ी गांव में भूस्खलन (BHUSKHALAN) से 90% मकान मलबे में दब गए। आधी रात को जब लोग नींद में थे, पहाड़ी आफत बनकर गांव पर टूटी। हादसे में 16 लोगों की मौत हो गई, जबकि 21 गंभीर रूप से घायल हुए हैं। अब तक 96 लोगों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। करीब 100 लोगों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है। एनडीआरएफ की टीम राहत कार्य में जुटी है।
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इरशालवाडी गांव दुर्गम पहाड़ी इलाके में है। वहां पहुंचने के लिए पक्का (BHUSKHALAN) रास्ता नहीं है। एक किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है। एनडीआरएफ, दमकल और पुलिस के जवान पैदल घटनास्थल तक पहुंचे। रात को चढ़ाई के दौरान दमकल विभाग के एक कर्मी की मौत की भी खबर है। इलाके में तीन दिन से बारिश हो रही है। बारिश व अंधेरे के कारण शुरुआत में राहत कार्य में बाधा आई। बारिश को पहाड़ी खिसकने की वजह माना जा रहा है। सीएम एकनाथ शिंदे ने मौके पर पहुंचकर बचाव कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सरकार मृतकों के परिजनों को हरसंभव सहायता देगी व घायलों का चिकित्सा खर्च वहन करेगी।
मालिन में भी 2014 में हुआ था ऐसा हादसा
पुणे के मालिन में 2014 में इसी तरह का हादसा हुआ था। उसमें करीब 100 लोगों की मौत हुई थी। मुख्यमंत्री शिंदे ने बताया कि भारी बारिश और कठिन रास्तों के कारण इरशालवाडी में बचाव कार्य में बाधा आ रही है। मौसम साफ होते ही हेलिकॉप्टर बुलाए जाएंगे। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने उनसे हादसे की जानकारी ली।
रेल सेवाएं रोकीं
मुंबई समेत पूरे महाराष्ट्र में लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त (BHUSKHALAN) हो गया है। पटरियां पानी में डूब जाने के कारण लोकल ट्रेन सेवा बाधित हुई तो नदियों में उफान को लेकर कई मार्गों पर रेल सेवाएं रोक दी गईं। काम पर निकले हजारों लोग रास्ते में फंस गए। एहतियात के तौर पर कई इलाकों में स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए।