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राज्यसभा में विपक्ष पर भी भारी BJP, कांग्रेस के समर्थन के बाद भी अध्यादेश वापस कराना नहीं होगा आसान

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दिल्ली। दिल्ली सरकार के अध्यादेश के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी (RAJYASABHA) को कांग्रेस का समर्थन मिलते ही पक्ष-विपक्ष की शक्ति का आकलन किया जाने लगा है। लेकिन, लोकसभा की तरह ही राज्यसभा में भी संख्या बल के हिसाब से विपक्ष के आगे भाजपा कमजोर पड़ती नहीं दिख रही है। उच्च सदन में पहली बार भाजपा सदस्यों की संख्या इतनी हुई है।

भाजपा को आठ सदस्यों की पड़ेगी जरूरत

ऐसे में मानसून सत्र के दौरान यदि अध्यादेश पर मतदान (RAJYASABHA)  की स्थिति आती भी है तो संयुक्त विपक्ष पर भाजपा भारी पड़ने की स्थिति में है। हालांकि, अध्यादेश को पारित कराने के लिए उसे अन्य दलों का भी सहारा लेने की जरूरत पड़ जाएगी, क्योंकि उसके पास आठ सदस्य कम पड़ रहे हैं।

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अभी राज्यसभा में कुल सदस्यों की संख्या 237 है। ऐसे में किसी भी अध्यादेश को पारित कराने के लिए कम से कम 119 सदस्यों की जरूरत पड़ेगी, जबकि भाजपा के सिर्फ 92 सदस्य ही हैं। यदि मनोनीत पांच सदस्यों को भी शामिल कर लिया जाए तो यह संख्या 97 पर पहुंच जाती है।

एआइएडीएमके के चार सदस्यों के साथ अन्य सहयोगी दलों को मिलाकर एनडीए (RAJYASABHA) की कुल शक्ति 111 सदस्यों की हो जाती है। स्पष्ट है कि उसे पर्याप्त संख्या तक पहुंचने के लिए आठ सदस्य और चाहिए। इस स्थिति से उसे भाजपा एवं कांग्रेस से समान दूरी बनाकर चल रहे बीजद एवं वाईएसआरपी से सहारा मांगने की जरूरत पड़ जाएगी।