रायपुर। शराब घोटाले (SHARAB GHOTALA) में जेल भेजे गए आबकारी विभाग के विशेष सचिव एपी त्रिपाठी और ठेकेदार लक्ष्मीनारायण अग्रवाल की जमानत पर 12 जुलाई को सुनवाई होगी।
वहीं, विशेष न्यायाधीश अजय सिंह राजपूत की अदालत में मंगलवार को एपी त्रिपाठी की जमानत और लक्ष्मीकांत के अग्रिम जमानत पर जमकर बहस हुई। बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं ने न्यायाधीश को बताया कि उनके पक्षकार एपी त्रिपाठी के ठिकानों में दबिश दी गई थी।
भैयाजी ये भी देखें : मर्दानगी की जांच ब्लड सैंपल से हो, हाईकोर्ट ने दिया एसओपी बनाने के आदेश
इस दौरान तलाशी के दौरान ईडी (SHARAB GHOTALA) को किसी भी तरह की चल-अचल संपत्ति और दस्तावेज बरामद नहीं हुए था। इसके बाद भी उनके खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र पेश किया गया। इसके लिए राज्य सरकार से नियमानुसार अनुमति नहीं ली गई। जबकि शासकीय कर्मचारी के खिलाफ चालान पेश करने के पहले अनुमति लेना जरूरी है।
भैयाजी ये भी देखें : विदेश यात्रा का लालच बना रहा तस्करों का शिकार
वहीं भिलाई के ठेकेदार लक्ष्मीनारायण अग्रवाल (SHARAB GHOTALA) की अग्रिम जमानत के संबंध में कहा कि शराब घोटाले से उनका कोई लेना-देना नहीं है। इसके बाद भी उन्हें परेशान करने के लिए समंस जारी कर पूछताछ के लिए बुलवाया जा रहा है। ईडी के अधिवक्ता ने बचाव पक्ष की दलील का विरोध करते हुए कहा कि शराब घोटाले में एपी त्रिपाठी के शामिल होने के इनपुट मिले हैं।
उनके ठिकानों में तलाशी के दौरान मिले साक्ष्य के आधार पर चालान प्रस्तुत किया गया है। वहीं लक्ष्मीनारायण अग्रवाल के संबंध में कहा कि उन्हें शराब घोटाले में अभियुक्त नहीं बनाया गया है। केवल विवेचना के दौरान मिले इनपुट पर पूछताछ करना है। इसके लिए समंस जारी कर बुलवाया जा रहा है। इसकी तामिली होने के बाद भी वे अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करवा रहे हैं। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट 12 को अपना फैसला सुनाएगी।