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Video : नेताप्रतिपक्ष चंदेल बोले, प्रश्न तो पूछे जाएंगे जवाब तो देना पड़ेगा

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रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने मानसून सत्र की कम अवधि के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें विधायिका पर भरोसा नहीं है। 18 जुलाई से 21 जुलाई तक छत्तीसगढ़ विधानसभा का मानसून सत्र आहूत किया गया है।

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दुर्भाग्य यह है कि इस विधानसभा के पूरे कार्यकाल में, जब से भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बने हैं, जब से कांग्रेस की सरकार बनी है, कभी भी विधानसभा का कोई भी सत्र अपनी अवधि पूरा नहीं कर पाया। सत्र की अवधि कम की जाती रही है। इस पर भी जो निश्चित अवधि रही, उसके पहले ही सत्र समाप्त हो गया।

यह इस बात का द्योतक है कि भूपेश सरकार विधायिका पर विश्वास नहीं करती। विधायिका का अपमान करती है। वह सदन में चर्चा से भागना चाहती है। सवालों से बचना चाहती है। लेकिन हम भूपेश से कहना चाहते हैं कि विधानसभा लोकतंत्र का पावन मंदिर है। सवाल तो पूछे जाएंगे। जवाब तो देना होगा।

चाहे सत्र की अवधि में कितनी भी कटौती कर लें। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री को खुद पर भरोसा नहीं है, अपनी सरकार पर भरोसा नहीं है, इसलिए विधानसभा में चर्चा से भाग रहे हैं। भूपेश बघेल को विधायिका पर विश्वास नहीं है, इसलिए उनके मंत्री और विधायक सदन की कार्यवाही सलीके से चलने नहीं देते।

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लोकतंत्र पर भरोसा नहीं है, इसलिए विपक्ष को बोलने नहीं देते। जनता के सवालों का जवाब सरकार नहीं देती।। उनकी सरकार में कार्यपालिका की क्या स्थिति है, सारा छत्तीसगढ़ जानता है। इनके अफसर भ्रष्टाचार के मामलों में जेल जा रहे हैं और जमानत नहीं मिल रही। न्याय पालिका का सम्मान कांग्रेस के चरित्र में कभी नहीं रहा। भूपेश बघेल संवैधानिक संस्थाओं का अपमान करते हैं। उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ धरने पर बैठ जाते हैं।