केरल। इस साल मानसून (mausam) कई राज्यों के लिए आफत बनकर आया है। लगातार हो रही बारिश से देश के कई हिस्सों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। अब तक केरल में आसमानी आफत के कारण लगभग 19 लोगों की जान चली गई है और 10,000 से अधिक लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है।
भैयाजी ये भी देखें : पंचायत चुनाव मतदान के दौरान बंगाल में चुनावी हिंसा, 13 लोगों…
कई निचले इलाकों में हुआ जलभराव
दरअसल, दक्षिण राज्य में पिछले एक हफ्ते से अधिक समय से लगातार मानसूनी (mausam) बारिश जारी है। हालांकि, धीरे-धीरे बारिश की तीव्रता कम होती नजर आ रही है, लेकिन शनिवार की सुबह एक बार फिर बारिश के कारण राज्य के कई हिस्सों में यातायात को बाधित होते देखा गया है और जगह-जगह निचले इलाकों में जलभराव हो गया है।
10 हजार से अधिक लोगों को भेजा गया राहत शिविर
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) ने बताया कि, शनिवार शाम तक, केरल में बारिश से संबंधित विभिन्न घटनाओं में कुल 19 लोगों की जान चली गई है। एसडीएमए के एक अधिकारी ने बताया, “वर्तमान में, भारी बारिश के कारण राज्य भर में स्थापित 227 राहत शिविरों में 10,399 लोगों को सुरक्षित रखा गया है।”
1100 से अधिक घरों को पहुंची क्षति
अधिकारी ने कहा, “उपलब्ध आंकड़ों (mausam) के मुताबिक, अब तक लगभग 1,100 घरों को आंशिक क्षति हुई है, जबकि इस बारिश ने कितना विनाश किया है, इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है। इसके अलावा, भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बारिश की तीव्रता कम होने के बावजूद अलाप्पुझा, एर्नाकुलम, मलप्पुरम, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड के लिए येलो अलर्ट जारी किया।
मौसम विभाग जारी करता है अलर्ट
मौसम विभाग द्वारा बारिश की गति को देखते हुए अलर्ट जारी किया जाता है, ताकि स्थानीय लोग पहले से सतर्क रह सके। दरअसल, रेड अलर्ट 24 घंटों के भीतर 20 सेमी से अधिक भारी से अत्यधिक भारी वर्षा को दर्शाता है, जबकि ऑरेंज अलर्ट 6 सेमी से 20 सेमी तक बहुत भारी वर्षा को दर्शाता है। वहीं, येलो अलर्ट तब जारी किया जाता है, जब 6 से 11 सेमी के बीच बारिश के संकेत मिलते हैं।