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धान, चांवल और खरीदी पर सियासत तेज़, मंत्री अकबर बोले, साव को जानकारी नहीं

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रायपुर। वन व परिवहन मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा है कि “भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव को धान खरीदी के पूरे सिस्टम के बारे में कुछ भी जानकारी नहीं है। इसलिए वे बार-बार बयान देते हैं कि धान की खरीदी केन्द्र सरकार द्वारा की जाती है।” मंत्री मोहम्मद अकबर ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को चाहिए कि वे पहली फुरसत में धान खरीदी के पूरे सिस्टम को समझें। जानकारी न होने के कारण अरूण साव आधारहीन बात करते हैं।

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समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के बारे में मंत्री अकबर ने बताया कि धान खरीदी राज्य सरकार की सबसे बड़ी योजना है। धान खरीदी के लिए राज्य सरकार प्रतिवर्ष 20 से 25 हजार करोड़ का ऋण लेती है। यह ऋण छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी विपणन संघ (मार्कफेड) के माध्यम से बैंको एवं नाबार्ड इत्यादि से लिया जाता है।

धान खरीदी के लिए केन्द्र सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ सरकार को कोई सहायता नहीं दी जाती। और न ही कोई अनुदान या ऋण दिया जाता है। बैंकों एवं नाबार्ड से ऋण राज्य सरकार की गारंटी पर दिया जाता है। पूरे देश में छत्तीसगढ़ एकलौता ऐसा राज्य है जहां कांग्रेस की सरकार बनने के बाद से किसानों को प्रति क्विंटल धान की कीमत 2500 रूपये प्रति क्विंटल से देने की शुरूआत हुई थी।

समर्थन मुल्य के लिए भाजपा ने अटकाए रोडें

धान खरीदी के बारे में राज्य सरकार की ओर से जानकारी देते हुए मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि राज्य सरकार की नीति से छत्तीसगढ़ के किसानों का जीवन खुशहाल हो रहा है। कांग्रेस ने 2500 रूपये प्रति क्विंटल धान का मूल्य देने का जो वादा किया था उसे निभाकर अपने वायदे से अधिक राशि राज्य सरकार किसानों को प्रदान कर रही हैं।

छत्तीसगढ़ के अन्नदाता किसानों को 2500 रू. प्रति क्विटंल की दर से धान का भुगतान करने से रोकने के लिए भाजपा ने रोड़े अटकाने में कोई कमी नहीं की। समर्थन मूल्य से अधिक दर पर किसानों को भुगतान करने पर छत्तीसगढ़ सरकार से सेंट्रल पूल में जमा किया जाने वाला चावल नहीं लेने का पत्र केन्द्र सरकार द्वारा भेज दिया गया।

समर्थन मूल्य के अलावा 9000 रूपये प्रति एकड़

इसे देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया कि किसानों को 2500 रू. प्रति क्विंटल दर से राशि का भुगतान करने के लिए अंतर की राशि के भुगतान के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत अलग से राशि प्रदान की जाए। सहकारी समितियों में धान बेचने वाले किसानों को समर्थन मूल्य के अलावा 9000 रूपये प्रति एकड़ की दर से 04 किस्तों में प्रदान किया जा रहा है।

04 किस्तों की राशि क्रमशः पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी की पूण्यतिथि 21 मई, उनकी जयंती 20 अगस्त तथा छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस 01 नवंबर, वित्तीय वर्ष की समाप्ति की तिथि 31 मार्च को प्रदान की जाती है। वर्ष 2022-23 में समर्थन मूल्य पर धान बेचने वाले किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना की राशि मिलाकर प्रति क्विंटल 2640 रू. की दर से भुगतान प्राप्त होगा।

सोसाइटियों के जरिए किया जा रहा है भुगतान

मंत्री मोहम्मद अकबर ने जानकारी दी कि राज्य सरकार ने धान उत्पादक किसानों की सुविधा के लिए सेवा सहकारी समितियों की संख्या 1333 से बढ़ाकर 2058 कर दी है। धान बेचने वाले किसानों को धान की राशि का चेक छत्तीसगढ़ सरकार के सहकारिता विभाग के अंतर्गत आने वाली सहकारी समितियों के माध्यम से दिया जाता है। धान बेचने वाले किसानों का पंजीयन छत्तीसगढ़ सरकार के छत्तीसगढ़ एकीकृत किसान पोर्टल में किया जाता है न कि केन्द्र सरकार के किसी पोर्टल में। केन्द्र सरकार की कोई भी संस्था यहां आकर चेक प्रदान नहीं करती है।

किसाना खुशहाल, लगातार बढ़ रही है धान की खरीदी

मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा धान उत्पादक किसानों को दिये जा रहे प्रोत्साहन के फलस्वरूप धान बेचने वाले पंजीकृत किसानों की संख्या तथा धान का रकबा लगातार बढ़ता जा रहा है। साथ ही किसानों द्वारा बेचे जाने वाले धान की मात्रा भी लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होेंने बताया कि धान बेचने वाले पंजीकृत किसानों की संख्या 16.96 लाख से बढ़कर 29.97 लाख हो गई है।

धान का रकबा 24 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 32 लाख हो गया है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2021-22 में 92 लाख मीट्रिक टन, वर्ष 2022-23 में 107 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई। वर्ष 2023-24 में 125 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान है। मंत्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि किसानों से अब तक 15 क्विंटल प्रति एकड़ की दर से धान खरीदी की जा रही थी। जिसे राज्य सरकार ने बढ़ाकर 20 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने का निर्णय लिया है।

धान खरीदी के ऋण का भुगतान करती है राज्य सरकार

मंत्री अकबर ने जानकारी दी कि राज्य सरकार जो धान खरीदती है उसका परिवहन कराकर राईस मिलों के माध्यम से कस्टम मिलिंग का कार्य कराती है तथा कस्टम मिलिंग के बाद जो चावल प्राप्त होता है उसे भारतीय खाद्य निगम (एफ.सी.आई.) के साथ – साथ नागरिक आपूर्ति निगम में जमा कराती है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष अरूण साव को मैं यह बताना चाहूंगा कि राज्य सरकार जो चावल एफ.सी.आई. व आपूर्ति निगम में जमा कराती है उसका ही भुगतान केन्द्र सरकार से प्राप्त होता है। धान खरीदने के लिए कोई राशि प्राप्त नहीं होती।

धान खरीदी के लिए 19209 करोड़ का लिया क़र्ज़

राज्य सरकार धान खरीदते समय बैंकों एवं अन्य संस्थाओं से जो ऋण लेती है उसका मूलधन व ब्याज की राशि भी राज्य सरकार ही जमा करती है। मंत्री मोहम्मद अकबर ने जानकारी दी कि वर्ष 2022-23 में राज्य सरकार ने कुल 19209 करोड़ रूपये का ऋण धान खरीदी के लिए लिया था। एन.सी.डी.सी. से 8500 करोड़, नाबार्ड से 4000 करोड़ इंडियन बैंक से 1599 करोड़ पंजाब नेशनल बैंक से 1110 करोड़ बैंक आफ इंडिया से 2000 करोड़, बैंक ऑफ बड़ौदा से 2000 करोड़ रूपये का ऋण लिया गया था।