बेंगलूरु। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या (Chief Minister Siddaramaiah) ने केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन सहित पिछली भाजपा सरकार से अनुमोदित 20 हजार करोड़ रुपए की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर रोक लगा दी है।
मुख्य सचिव वंदिता शर्मा को दिए एक निर्देश में सिद्धरामय्या (Chief Minister Siddaramaiah) ने कहा है कि ऐसी शिकायतें हैं कि बुनियादी ढांचे से जुड़ी ये परियोजनाएं अवैज्ञानिक हैं। जो परियोजनाएं रोकी गई हैं उनमें विश्वेश्वरैया जल निगम लिमिटेड, कर्नाटक नीरावरी निगम लिमिटेड, कावेरी नीरावरी निगम लिमिटेड और कृष्णा भाग्य जल निगम लिमिटेड के तहत सिंचाई परियोजनाएं शामिल हैं। इनमें ऊर्जा विभाग के तहत परियोजनाएं और ग्रामीण विकास और पंचायत राज विभाग के जल जीवन मिशन कार्य भी शामिल हैं।
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जल जीवन मिशन से जुड़े कार्यों को रोके जाने पर कई अधिकारियों ने हैरानी भी जताई। उनका कहना है कि इस योजना के तहत सभी कार्यों को कैबिनेट ने अनुमोदित किया था। वर्ष 2019 से, राज्य ने इस मिशन के तहत 10 हजार 380.78 करोड़ रुपए की लागत से 1.01 करोड़ घरों को कवर करने के लक्ष्य के मुकाबले 69 लाख नल-जल कनेक्शन प्रदान किए हैं। इस साल इस मिशन के लिए 25 हजार करोड़ रखे गए हैं।
कार्यो को लेकर कई शिकायतें
मुख्यमंत्री (Chief Minister Siddaramaiah) ने कहा है कि पर्याप्त बजटीय प्रावधानों की कमी के बावजूद निविदाएं जारी की गईं। वित्तीय कमी और भूमि अधिग्रहण से जुड़ी समस्याओं के बावजूद नियमों का उल्लंघन कर जल्दबाजी में 20 हजार करोड़ की निविदाएं आमंत्रित की गईं। इसके लिए मंजूरी बाकी है। कई शिकायतें हैं कि ये कार्य अवैज्ञानिक हैं। कुछ कार्यों में बड़े पैमाने पर अनियमितता की भी शिकायतें हैं। चूंकि पूर्ण समीक्षा की आवश्यकता है, इसलिए सभी कार्य जो शुरू नहीं हुए हैं और पहले से जारी निविदाओं को अगले आदेश तक रोक दिया जाना चाहिए। इससे पहले सिद्धरामय्या ने पिछली भाजपा सरकार द्वारा स्वीकृत सभी कार्यों के भुगतान पर रोक लगा दी थी।