गांधीनगर। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने कहा कि नए संसद भवन (SANSAD BHAWAN) के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के हाथों लोकार्पण समारोह का 19 विपक्षी दलों की ओर से बहिष्कार करने का निर्णय निंदनीय है। विपक्षी दलों का यह कदम लोकतांत्रिक मूल्यों और संवैधानिक मान्यताओं पर हमला है।
28 मई को नए संसद भवन का लोकार्पण किया जाना है। खेड़ा जिले के मुख्यालय नडियाद स्थित जिला स्पोर्ट्स संकुल में गुरुवार को केन्द्रीय राज्य मंत्री देवू सिंह चौहाण की उपस्थिति में सांसद खेल स्पर्धा के समापन पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में संसद एक पवित्र संस्था है। यह लोकतंत्र के हृदय की धड़कन की तरह है। संसद भवन में देश की नीतियों पर निर्णय होता है, जिससे लोगों के जीवन में बदलाव होता है।
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सीएम के मुताबिक पहले भी विपक्षी दलों (SANSAD BHAWAN) ने संसदीय प्रणाली और नियमों का उल्लंघन किया है। देशहित में आयोजित जीएसटी के विशेष सत्र समेत कई सत्रों का विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया है। जब रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति बनने वाले थे तब भी विपक्षी दलों ने सामान्य शिष्टाचार में भी विलंब किया था।
राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी को भारत रत्न देने के अवसर (SANSAD BHAWAN) पर भी विपक्ष ने विरोध किया था। राष्ट्रपति पद के लिए नामांकित होने के समय द्रौपदी का भी विपक्ष ने विरोध जताकर उनका अपमान किया था। मुख्यमंत्री पटेल ने कहा कि विपक्ष देश की प्रगतिशील योजनाओं का विरोध कर उसे रोकता है। विपक्ष राजनीतिक मर्यादाओं का स्तर गिराने के लिए 140 करोड़ भारतीयों का अपमान करता है और इसे जनता कभी नहीं भूलेगी।