नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को उन राजनीतिक दलों पर निशाना साधा जो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की आदिवासी समुदाय की एक प्रतिष्ठित नेता के रूप में प्रशंसा कर रहे हैं, लेकिन राष्ट्रपति चुने जाने से पहले उन्होंने उनके खिलाफ अभियान छेड़ रखा था। निर्मला सीतारमण ने यहां राजभवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए यह बयान दिया। वित्त मंत्री ने कहा कि इन राजनीतिक दलों ने पहले मुर्मू को गाली दी थी और उन्हें रबर स्टैंप कहा था।
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उन्होंने कहा कि इन पार्टियों ने यहां तक कहा था कि राष्ट्रपति मुर्मू बुरी ताकतों का प्रतिनिधित्व करती हैं। सीतारमण ने कहा कि बुरी ताकतों शब्द से विपक्षी दलों का मतलब आरएसएस से है। सीतारमण ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार राष्ट्रपति को उच्च सम्मान देती है और कहा कि विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति के सम्मान के लिए कुछ भी नहीं कहा है।
इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी थीं जिन्होंने छत्तीसगढ़ विधानसभा भवन का उद्घाटन किया था, उन्होंने पूछा कि उन्होंने (सोनिया गांधी ने) किस हैसियत से ऐसा किया। जिस तर्क के आधार पर अब विपक्ष नए संसद भवन के प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटन किए जाने के खिलाफ है, उसे राज्यपाल को ही छत्तीसगढ़ विधानसभा भवन का उद्घाटन कराना चाहिए था।
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उन्होंने कहा कि संसद लोकतंत्र का मंदिर है और 2004 में संसद में प्रवेश करने से पहले अपने माथे से जमीन को छूकर सम्मान देने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में याद दिलाया। उन्होंने कहा कि उनकी विनम्र राय में नए संसद भवन के उद्घाटन का बहिष्कार करना विपक्ष के लिए सही नहीं है और उन्होंने विपक्षी दलों से अपने बहिष्कार के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की। सीतारमण ने कहा कि नई लोकसभा में आजादी की पूर्व संध्या पर प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को थिरुवदुथुराई अधिनियम द्वारा प्रस्तुत राजदंड का होना तमिलनाडु के लिए गर्व की बात है।