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उद्धव ठाकरे पर फडणवीस का पलटवार, नैतिकता की बात करना उन्हें शोभा नहीं देता

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे बनाम एकनाथ शिंदे (EKNATH SINDE) के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि इस मामले को बड़ी बेंच में भेजा जाएगा।

CJI ने कहा कि नबाम रेबिया मामले में उठाए गए सवाल को बड़ी बेंच में भेजना चाहिए, क्योंकि उसमें स्पष्टता की आवश्यकता है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘स्पीकर को राजनीतिक दल द्वारा नियुक्त व्हिप को मान्यता देनी चाहिए।’ अदालत के फैसले पर पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कहा कि मैं सिर्फ संसदीय और विधायी परंपरा जानता हूं और उस हिसाब से मैंने तब जो कदम उठाए सोच-समझकर उठाए। जब इस्तीफा मेरे पास आ गया तो मैं क्या कहता कि मत दो इस्तीफा।

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महाविकास अघाड़ी के मंसूबों पर पानी फिरा- फडणवीस

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (EKNATH SINDE)  और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। फडणवीस ने कहा कि आज अदालत ने महाविकास अघाड़ी के मंसूबों पर पानी फेर दिया। महाविकास अघाड़ी की साजिश नाकाम रही। सर्वोच्च न्यायालय ने माना कि मौजूदा सरकार पूरी तरह से संवैधानिक है।

फडणवीस ने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उद्धव ठाकरे को दोबारा सीएम नहीं बनाया जा सकता है। जनता को यह अधिकार दिया गया है कि 10वीं अनुसूचि को ध्यान में रखते हुए यह तय करेंगे कि राजनीतिक पार्टी कौन-सी है। फिर सदस्यता निरस्त किए जाने का फैसला होगा।”

नैतिकता की बात करना ठाकरे को शोभा नहीं देती

देवेंद्र फडणवीस ने आगे कहा कि नैतिकता की बात करना उद्धव ठाकरे को शोभा नहीं देता। मैं उनसे पूछता हूं कि बीजेपी के साथ चुनकर आए और मुख्यमंत्री बनने के लिए कांग्रेस और एनसीपी के साथ जब गए तब नैतिकता को कौन-से डब्बे में डाला था।

मेरी लड़ाई जनता और देश के लिए- ठाकरे

वहीं, आज बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुंबई में उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। पत्रकारों से चर्चा में ठाकरे ने कहा कि इस देश में प्रजातंत्र (EKNATH SINDE)  की रक्षा करना हमारा काम है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि मैं इस्तीफा नहीं देता तो शायद मैं मुख्यमंत्री बन जाता। मैं मेरे लिए नहीं लड़ रहा, मेरी लड़ाई जनता और देश के लिए है। राजनीति में मतभेद होते रहते हैं, लेकिन हमारा एक मत यह है कि इस देश को बचाना है।