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खेतों में इस बार बिखरेगी कोदो, कुटकी व रागी की हरियाली

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कोरबा। खरीफ वर्ष 2023-24 के लिए जिला कृषि विभाग (KORBA NEWS) ने धान के रकबा में 10,860 हेक्टेकयर कटौती कर दी है। इसके बदले कोदो, कुटकी, रागी, दलहन, तिलहन और सब्जी की फसल को प्रेरित किया जाएगा। इसकी तैयारी विभाग ने अभी से शुरू कर दी है। बीते वर्ष किसानों ने 93,991 हेक्टेयर में धान की फसल ली थी। इस बार इसे घटाकर 83,130 हेक्टेयर कर दिया है।

कृषि विभाग की ओर से लक्ष्य के आधार पर ही खाद और बीज का भंडारण (KORBA NEWS)  करने के साथ ही किसानों को धान के बदले दूसरी फसल लेने के लिए प्रेरित किया जाता है। पिछले दो साल से धान के बदले दलहन और तिलहन को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। जिले में 70 प्रतिशत खेती मानसून पर ही निर्भर है। इसी वजह से अधिकांश किसान धान की फसल बोता पद्धति से अधिक करते हैं। किसान मक्का, कोदो, कुटकी और रागी की फसल अधिक मात्रा में ले सकें इसके लिए उन्हे ग्राम चौपाल में प्रशिक्षित भी किया जा रहा। बीते वर्ष से फसलों की खरीदी भी समर्थन मूल्य पर की जा रही है। दलहन में अरहर, मूंग, उड़द और कुलथी की फसल को शामिल किया है। तिलहन में मूंगफली, तिल, रामतिल की फसल शामिल है।

करतला ब्लाक के किसान खरीफ के साथ ही रबी में भी मूंगफली की फसल लेते हैं। सब्जी की फसल पर भी अधिक ध्यान रखा है। 12,534 से हेक्टेयर से बढ़ाकर 16,500 हेक्टेयर करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। कृषि विभाग के सहायक संचालक डीपीएस कंवर का कहना है कि लक्ष्य के आधार पर ही तैयारी करते हैं। किसानों को धान के स्थान पर दूसरी फसलों को लेने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए पर्याप्त मात्रा में बीज भी उपलब्ध कराया जाता है।

कम समय में तैयार होने वाले फसल पर ध्यान

कृषि विभाग ने कम समय में तैयार होने वाले फसल पर किसानाें का ध्यान केंद्रित किया है। विभाग ने मक्का का रकबा 5,972 से 12,000 हेक्टेयर, कोदो का 810 से 1110 हेक्टेयर, कुटकी का 100 से 200 हेक्टेयर और रागी का 271 से 600 हेक्टेयर रकबा किया है। इसी तरह दलहन का 10,920 से 16,231 हेक्टेयर और तिलहन का 3,510 हेक्टेयर से 5,200 एक तैयार किया गया है। सब्जी में भी 3,966 एक तैयार बढ़ाते हुए 16,500 हेक्टेयर किया गया है।

प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान की होगी खरीदी

धान के बदले दूसरी फसलों पर किसान (KORBA NEWS) कम रुचि लेते हैं। इसका मुख्य कारण समर्थन मूल्य पर धान खरीदी होना है। इस साल जिले में रिकार्ड 21 लाख 29 हजार क्विंटल की खरीदी की गई थी। धान बेचने 46 हजार 295 किसानों ने पंजीयन कराया था। इनमें से 39 हजार 85 किसानों ने धान बेचा। इस बार तो राज्य सरकार ने एकड़ में 15 से 20 क्विंटल खरीदी करने का निर्णय लिया है। ऐसे में उपार्जन केंद्रों में धान की आवक बढ़ना तय है।