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226 उद्योगों और कंपनियों डकार गए 7000 करोड़

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रायपुर। प्रदेश के बड़े, छोटे, मध्यम उद्योगों और सब्सिडरी कंपनियों ने पानी का उपयोग करने के बाद जलकर जमा नहीं किया है। यह राशि अब अरबो रूपए में पहुंच गई है। 2014 से लेकर 2023 तक उद्योगों ने प्राकृतिक संसाधन का दोहन तो कर लिया, लेकिन इसके एवज में राज्य सरकार को टैक्स की अदायगी नहीं की।

जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया, कि प्रदेश के रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, रायगढ़ आदि जिले में स्थित बड़ी स्टील और पावर कंपनियों का करोड़ों रुपये बकाया है। सभी उद्योगों को नोटिस जारी किया गया है। सरकारी विभागों से समन्वय बनाकर काम किया जा रहा है। जिन उद्योगों ने नोटिस के बाद भी बकाया जमा नहीं किया है उन पर कानूनी कार्यवाही की भी तैयारी चल रही है।

बिजली कंपनी का सबसे ज्यादा बकाया

राज्य विद्युत मंडल कोरबा पर 5000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि बकाया राशि के लिए सीएसपीडीसीएल के अधिकारियों के साथ बातचीत की जा रही है। रायगढ़ के टीआरएन एनर्जी प्रालि. ने 2016 से 2022 तक 70 करोड़ रुपये की राशि जमा नहीं की है। इसके साथ दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे पर 144 करोड़ रुपये का बकाया है।

पढ़े किस साल कितना हुआ बकायावर्ष- जलकर बकाया (राशि करोड़ में)

2019-20-2113 करोड़
2020-21-1723 करोड़
2021-22-1753 करोड़
2022-23 -1715 करोड़