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केंद्रीय स्वामित्व योजना से भूमिहीन बनेंगे भूमि स्वामी

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बिलासपुर। भूमिहीन ग्रामीण आने वाले दिनों (BILASPUR NEWS) में भूमि स्वामी बन जाएंगे। ऐसा केंद्रीय स्वामित्व योजना के तहत संभव होगा। इसके तहत केंद्र सरकार ने भूमिहीनों का सर्वे करने और सूची बनाने के निर्देश राज्य शासन को दिए हैं। सूची के साथ ही गांव के शासकीय भूखंडों का ड्रोन के जरिए सर्वे किया जा रहा है।

जिले में 489 ग्राम पंचायतों की मैपिंग पूरी हो चुकी है। ड्रोन सर्वे के बाद शासकीय भूमि को चूने से मार्किंग की जाएगी। इसके बाद भूमिहीनों को जमीन का आवंटन किया जाएगा। स्वामित्व प्रमाण पत्र भी देंगे। इसके जरिए बैंक लोन सहित अन्य सुविधाओं का लाभ ले सकेंगे। केंद्रीय स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन की तहसीलदार, नायब तहसीलदार, राजस्व निरीक्षक व पटवारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। राजस्व विभाग के इन अधिकारियों की टीम बनाई गई है। ये टीम अपने प्रभार वाली पंचायतों में जाएगी और ड्रोन के जरिए निजी व सरकारी जमीन का सर्वे के बाद चिन्हांकन का काम कराएगी।

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केंद्र की योजना पर नजर डालें तो ई प्रापर्टी कार्ड के (BILASPUR NEWS) जरिए भूमिहीनों को जमीन का मालिकाना हक दिया जाएगा। इसके पहले ड्रोन से सर्वे किया जाएगा। ड्रोन सर्वे से पहले आबादी क्षेत्रों का चूने से चिन्हांकन किया जाएगा। सर्वे के बाद ग्रामीण क्षेत्रों में आबादी जमीन का डिजिटल नक्शा तैयार करने का काम किया जाएगा। इसके बाद ई अधिकार अभिलेख बनाने का काम किया जाएगा। एक जानकारी के अनुसार अभी भी 150 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत आने वाली सरकारी व निजी भूमि की मैपिंग होना शेष है।

विद्यालय, मंदिर, नहर का भी करेंगे सीमांकन

स्वामित्व योजना के तहत ड्रोन कैमरे के जरिए ग्रामीण संपत्ति (BILASPUR NEWS) के सीमांकन के साथ ही मंदिर, विद्यालय, नहर, तालाब, नदी, आगंनबाड़ी भवन, ग्राम पंचायत भवन, ग्राम पंचायत सचिवालय सहित सामुदायिक संपत्तियों का सर्वे करने के बाद जीआइएस मानचित्र तैयार किया जाएगा। भूमिहीनों के अलावा भूमि स्वामियों को भी संपत्ति अभिलेख जारी किया जाएगा।

योजना एक नजर में

ड्रोन मैपिंग के जरिए ग्रामीण संपत्तियों का अधिकार अभिलेख तैयार करने का काम किया जाएगा। प्रत्येक भूमि स्वामी को संपत्ति का स्वामित्व प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा। इससे बैंक से लोन लेने में आसानी होगी। इससे पारिवारिक संपत्तियों के अधिकार को लेकर विवाद में कमी आएगी। संपत्ति कर के रूप में ग्राम पंचायत को स्थानीय आय का बड़ा साधन मिलेगा। शासकीय के साथ ही सार्वजनिक और निजी संपत्तियों की सुरक्षा आसान हो जाएगा।