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अतिथि व्याख्याता ने उत्पीड़न का लगाया आरोप, कमिश्नर ने मांगी रिपोर्ट

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रायगढ़। जिले के किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय में एक अतिथि व्याख्याता ने अपने ही विभागाध्यक्ष पर उत्पीड़न का आरोप लगाया है। हैरानी की बात तो ये है कि अतिथि व्याख्याता ने जिस अधिकारी पर ये आरोप मढ़े है, वो भी एक महिला अधिकारी ही है। अब इस मामलें में आयुक्त उच्च शिक्षा ने प्राचार्य को इसकी जांच कर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है।

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किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय के अंदर फैकल्टी मेंबरों में केवल एक दूसरे को नीचा दिखाने की होड़ मची है। कुछ वरिष्ठ प्रोफेसर इस काम में सबसे आगे हैं। कुछ महीने पहले भी कॉलेज में बवाल मचा था। तब वरिष्ठ प्रोफेसरों की भूमिका पर सवाल उठे थे। अब एक और मामला सामने आया है जिसने संस्थान में खलबली मचा दी है।

मनोविज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ.शारदा घोघरे पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इसकी शिकायत पहले प्राचार्य अंजनी तिवारी से की गई, वहां से राहत नहीं मिली तो पूर्व कलेक्टर से शिकायत हुई और अब उच्च शिक्षा विभाग को भी लिखित शिकायत की गई है। आरोप लगाने वाली उसी विभाग की अतिथि व्याख्याता शीतल वाल्दे है। उनका आरोप है कि डॉ.घोघरे उसे मानसिक और आर्थिक रूप प्रताड़ित कर रही है।

प्रति कालखंड 300 रुपए की दर से प्रतिदिन अधिकतम चार कालखंड पढ़ाने व 1200 रुपए देने का प्रावधान है, लेकिन उसे छह कालखंड लेने को मजबूर किया जाता है। वेतन बनाते समय हर महीने परेशान किया जाता है। वेतन पर्ची पर साइन करने में भी आनाकानी की जाती है।

जानबूझकर कम वेतन बनाया जाता है। सबके सामने चारित्रिक हनन किया जाता है। स्नातकोत्तर की कक्षा नहीं लेने दिया जाता। बर्खास्त कराने की धमकी भी दी जाती है। क्लास में बार-बार फोन और मैसेज करके परेशान किया जाता है। विद्यार्थियों के सामने ही डांटा जाता है।

पहले शिकायत करने के बाद अब तो और भी ज्यादा परेशान किया जा रहा है। शीतल का कहना है कि बार-बार उसकी योग्यता पर प्रश्नचिह्न उठाया जाता है। कई विद्यार्थियों को भी परेशान किया जाता है जिसके कारण वे छोडक़र चले जाते हैं। अब सहनशक्ति जवाब देने लगी तो शीतल ने उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल से लिखित शिकायत की। उसके बाद ही आयुक्त उच्च शिक्षा संचालनालय से प्राचार्य को जांच का आदेश दिया गया है।

पहले भी हुई थी शिकायत

यह मामला कार्यस्थल पर उत्पीडऩ से भी जुड़ा हुआ है। एक महिला ही दूसरी महिला को प्रताड़ित कर रही है। यह मामला अचानक से सामने नहीं आया है। 2019 से अतिथि व्याख्याता के रूप में काम कर रही शीतल ने प्रताड़ता के खिलाफ प्राचार्य से शिकायत की थी। प्राचार्य ने मामले से पल्ला झाड़ लिया। मजबूरन कलेक्टर से शिकायत करनी पड़ी। शिकायतकर्ता के मुताबिक इसके बाद डॉ. शारदा घोघरे ने और भी ज्यादा परेशान किया है।
ये है।

आरोपो को सिरे से किया खारिज

अतिथि व्याख्याता शीतल वाल्दे ने कहा कि मुझे विभागाध्यक्ष ने बार-बार परेशान किया है। वेतन बनाने के नाम पर भी प्रताड़ित किया है। ज्यादा क्लासेस लेने के लिए दबाव बनाया जाता है। मैं मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित हूं।

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विभागाध्यक्ष मनोविज्ञान डॉ. शारदा घोघरे ने कहा कि मेरे ऊपर लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं। शीतल को कई बार कहा गया कि पढ़ाने से पहले घर से पढक़र आओ, लेकिन वह नहीं सुनती। वेतन के नाम पर कभी भी परेशान नहीं किया। उसने पहले भी शिकायत की थी, जांच में सब साफ हो गया था।