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दूध के कंटेनर में 50 लाख की लकड़ी MP से लाए थे, पकड़ने पर बोले-फिल्म से आइडिया आया

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कानपुर। आपने फिल्म पुष्पा जरूर देखी होगी। एक चंदन तस्कर (TASKARI) की कहानी। जिसने दूध के कंटेनर की आड़ में चंदन तस्करी करते हुए पुलिस को चकमा दिया। कानपुर में भी कुछ ऐसे ही पैटर्न पर चंदन तस्करी पकड़ी गई। लकड़ी के छोटे टुकड़े करके दूध के कंटेनर में छिपाकर मध्य प्रदेश के जंगलों से लाए। पहुंचाना था कन्नोज में व्यवसायियों के ठिकानों पर। मगर कानपुर पुलिस को मिली एक टिप ने करीब 50 लाख रुपए की लकड़ी पकड़वा दी।

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मूवी से मिले आइडिये से पहले कार में लेकर जाते थे लकड़ी

पूछताछ हुई, तो फिल्म से लिए आइडिया का खुलासा हुआ। ये तस्करी पहले भी करते रहे, मगर दूध के कंटेनर में मूवी आने के बाद लकड़ी लेकर जा रहे थे। इससे पहले तस्कर की कार में कई जगह चंदन की लकड़ी छिपाकर चलते थे। रीवा मध्य प्रदेश से चंदन की लकड़ी कार में छिपाकर यूपी के कन्नौज ले जा रहे थे। कानपुर के महाराजपुर थाने की पुलिस और क्राइमब्रांच ने दबोच लिया। इनका नेटवर्क यूपी, बिहार समेत कई राज्यों में फैला हुआ है।

एडीसीपी क्राइम अशोक कुमार सिंह ने बताया कि चंदन तस्करी (TASKARI)  पर आधारित हाल ही में आई फिल्म पुष्पा से आइडिया लेकर तस्करों ने चंदन की तस्करी दूध के कंटेनर में करनी शुरू कर दी। फिल्म में जिस तरह दूध के टैंकर को मॉडिफाई करके चंदन की लकड़ी को छिपाकर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जाता था। ठीक उसी तरह पकड़े गए दो शातिर कार के अंदर लकड़ी को अलग-अलग साइज में भरकर ले जा रहे थे। मुखबिर की सटीक सूचना पर क्राइम ब्रांच और महाराजपुर थाने की पुलिस ने चंदन की लकड़ियों की तस्करी करने वाले दो अभियुक्तों को दबोच लिया। कार की तलाशी के दौरान भारी मात्रा में चंदन की लकड़ियां बरामद हुईं। पूछताछ में दोनों ने अपना नाम शेखपुरा थाना कोतवाली जनपद कन्नौज निवासी अनिल सिंह और बगिया फजल इमाम थाना कोतवाली जनपद कन्नौज निवासी अमित कुमार जोशी बताया।

वन विभाग ने कहा-ये चंदन की ही लकड़ी है

वन विभाग ने जांच करने (TASKARI)  के बाद चंदन की लकड़ियां होने की पुष्टि कर दी। महाराजपुर पुलिस ने दोनों तस्करों के खिलाफ भारतीय वन अधिनियम 1927 व 3/28 उत्तर प्रदेश ट्रांजिट ऑफ टिम्बर एण्ड अदर फारेस्ट प्रोड्यूस रूल्स 1978 व 207 एमवीएक्ट में पंजीकृत किया है। बरामद चन्दन की लकड़ी का अन्तर्राष्ट्रीय कीमत लगभग 50 लाख रूपए है।