रायपुर। प्रदेश के साथ देश भर के स्टील उद्योग (SECL) के साथ ही नान पाॅवर सेक्टर के उद्योगों काे कोयले के पुराने लिंकेज में बड़ा झटका लगा है। इसके लिए केंद्र का कोल मंत्रालय तैयार नहीं हुआ है। उद्योगों को अब नया लिंकेज कराना हाेगा। केंद्रीय कोल मंत्रालय के आदेश के बाद एसईसीएल ने कोयला का ई-ऑक्शन करने का फैसला किया है। सोमवार को 10 लाख टन कोयले का ई-ऑक्शन होगा। इससे प्रदेश के उद्योगों को भी कोयले का नया लिंकेज करने का मौका मिलेगा।
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प्रदेश के स्पंज आयरन उद्योगों को भी कोल इंडिया के SECL से कोयला मिलता है। इनका पांच साल का लिंकेज समाप्त हो गया और इनको पिछले साल अप्रैल से कोयला मिलना बंद हो गया है। पुराने लिंकेज का कोल इंडिया नवीनीकरण कर दे, इसके लिए कोल इंडिया के चेयरमैन से बात करने पर उन्होंने केंद्र सरकार की अनुमति पर इसको टाल दिया था। इसके बाद लगातार प्रदेश के उद्योग केंद्र सरकार से मांग करते रहे कि उनको कोयला दिलाने के लिए लिंकेज का नवीनीकरण किया जाए। इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी केंद्र सरकार को पत्र लिखकर प्रदेश के उद्योगों की कोयले की समस्या का निराकरण करने के लिए लिखा था।
केंद्र सरकार के कोल मंत्रालय से लेकर स्टील मंत्रालय (SECL) में बैठकों के बाद पिछले साल के अंत में यह तय हुआ कि नॉन सेक्टर के उद्योगों को कोयला दिया जाएगा, लेकिन इसके लिए नया आक्शन होगा और रेट भी नया होगा। केंद्र सरकार के निर्देश के बाद ही अब नया ई-ऑक्शन किया जा रहा है।