दिल्ली। हिमाचल प्रदेश में सुखविंदर सिंह सुक्खू (SUKHVINDAR SINGH) कैबिनेट का रविवार को विस्तार हो गया। शिमला स्थित राजभवन में रविवार सुबह शपथ ग्रहण हुआ। राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने शपथ दिलाई। कुल सात विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली।
सबसे पहले पूर्व मंत्री और पूर्व लोकसभा सदस्य तथा सोलन से सबसे पुराने विधायक धनी राम शांडिल ने पद तथा गोपनीयता की शपथ ली। इसके बाद सिरमौर के शिलाई से 6 बार के विधायक हर्षवर्धन चौहान, किन्नौर के पूर्व डिप्टी स्पीकर जगत सिंह नेगी, पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह बेटे शिमला ग्रामीण से विधायक विक्रमादित्य सिंह, कांगड़ा के जवाली से चंदर कुमार, कुसुमपट्टी से विधायक अनिरुद्ध सिंह और जुब्बल-कोटखाई से चार बार के विधायक रोहित ठाकुर को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई। विभागों का बंटवारा भी जल्द कर दिया जाएगा।
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बता दें, हिमाचल में कांग्रेस की सरकार (SUKHVINDAR SINGH) बनने के बाद से अंदरूनी कलह की खबरें थीं। कुछ नाराज नेताओं ने दिल्ली दरबार में हाजिरी लगाई थी। इससे पहले मुख्यमंत्री सुक्खू ने शनिवार को बताया कि उन्होंने पार्टी आलाकमान को संभावित नाम भेज दिए हैं। जैसे ही वहां से हरी झंडी मिलती है, शपथ ग्रहण का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। हिमाचल में हर पांच साल बाद सरकार बदलने का सिलसिला जारी रहा और बीती 8 दिसंबर को आए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को जीत मिली।कांग्रेस ने 68 में से 40 सीटों पर जीत हासिल की थी। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने 25 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू और मुकेश अग्निहोत्री ने क्रमशः मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। अब विस्तार हुआ।
हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री सहित (SUKHVINDAR SINGH) कुल मंत्रियों की संख्या 12 से अधिक नहीं हो सकती है। कैबिनेट में अब तक 12 में से तीन जिलों को प्रतिनिधित्व दिया गया है- हमीरपुर से सुक्खू, ऊना से अग्निहोत्री और चंबा से भटियात कुलदीप पठानिया को विधानसभा अध्यक्ष बनाया गया है। लाहौल, स्पीति और किन्नौर के जनजातीय क्षेत्रों से एक मंत्री की उम्मीद है। वहीं, कांगड़ा और शिमला के सात और 10 विधायक हैं। इन दोनों जिलों को कैबिनेट में पर्याप्त प्रतिनिधित्व दिया जाएगा।