सुकमा। छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों की टीम ने माओवादियों के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई जीत ली है। माओवादियों के मांद कहे जाने वाले कुंदेर में CRPF की टीम ने अपना कैंप लगा लिया है। ये कैंप नक्सल मोर्चे पर सुरक्षाबलों के लिए एक अहम किरदार निभाएगा।
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CRPF के अधिकारीयों ने बताया कि केंद्रीय रिजर्व पुलिस फ़ोर्स की 165 बटालियन और छत्तीसगढ़ पुलिस ने दक्षिण बस्तर क्षेत्र में स्थित सुकमा जिले के अत्यधिक नक्सल प्रभावित क्षेत्र कुंदेर में सफलतापूर्वक एक फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस स्थापित किया है।
फॉरवर्ड ऑपरेटिंग बेस की स्थापना अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह जगरगुंडा-सिल्गर-बासागुड़ा अक्ष पर स्थित है और बीजापुर और दंतेवाड़ा जिलों के मुख्यालयों को जोड़ने में मदद करेगा। ये कैंप विशेष रूप से यह जगरगुंडा से व्यापार के लिए प्रसिद्ध वाणिज्यिक मार्ग पर कनेक्टिविटी भी बहाल करेगा।
देश के प्रमुख इमली बाजार में से एक
जानकारी के मुताबिक 2006 में माओवादी खतरे के उभरने तक ये इलाका भारत के प्रमुख इमली बाजार के तौर पर जाना जाता था। जगरगुंडा इलाका इमली और अन्य वन उपज के लिए व्यापारिक केंद्र हुआ करता था। सीआरपीएफ ने बताया कि इस शिविर के साथ प्रशासन निर्णायक रूप से व्यापारिक मार्ग की बहाली के करीब आ जाएगा और इस प्रकार क्षेत्र के आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त होगा।
CRPF ने लगाई माओवादीयों के गढ़ में सेंध
नक्सली हिंसा को समाप्त करने और शांति तथा स्थिरता लाने के उद्देश्य से सीआरपीएफ, वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के पुलिस बलों के साथ दूरस्थ क्षेत्रों में शिविर स्थापित करने की प्रक्रिया में है। सीआरपीएफ ने कहा कि ये नया शिविर सुरक्षा बलों को उस क्षेत्र में केंद्रित अभियान चलाने में मदद करेगा, जिसे नक्सली अपना गढ़ मानते थे।