spot_img

वैज्ञानिकों का आकाशगंगा के ‘प्राचीन दिल’ की खोज का किया दावा

HomeNATIONALवैज्ञानिकों का आकाशगंगा के ‘प्राचीन दिल’ की खोज का किया दावा

वॉशिंगटन। खगोलविदों ने हमारी आकाशगंगा (AAKASHGANGA) के ’प्राचीन दिल’ की खोज करने का दावा किया है। इसी के प्राचीन नाभिक के चारों तरफ सभी सितारे और ग्रह विकसित हुए। आकाशगंगा के सबसे पुराने सितारे कॉन्सटिलेशन सैगिटेरियस में हैं। ये तारे 12.5 अरब साल पहले बने थे।

जर्मनी में मैक्स प्लैंक खगोल विज्ञान संस्थान के खगोलविद हेंस वाल्टर रिक्स का कहना है कि लंबे समय से अनुमान है कि पुराने सितारों की बड़ी आबादी हमारी आकाशगंगा (AAKASHGANGA) के केंद्र में होनी चाहिए। डेटा से पता चला है कि आकाशगंगा का प्राचीन हृदय गोलाकार प्रोटोगैलेक्सी है, जो 18,000 से ज्यादा प्रकाश वर्ष को कवर करती है। प्रोटोगैलेक्सी से आकाशगंगा का विकास माना जाता है। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के खगोलशास्त्री वसीली बेलोकुरोव ने कहा कि यह अध्ययन आकाशगंगा की समझ को मजबूत करेगा।

भैयाजी यह भी देखे: हिमाचल चुनाव 2022: संजय सूद ने किया नामांकन, PM मोदी से हो रही है तुलना!

सैगिटेरियस कॉन्सटिलेशन में शोधकर्ताओं (AAKASHGANGA) ने धातु से हाइड्रोजन अनुपात वाले 20 लाख सितारों को देखा। तारों की गति की जांच के बाद खगोलविदों ने उन तारों पर फोकस रखा, जो आकाशगंगा की डिस्क के आसपास कम धातु वाले सितारों के प्रभावमंडल में नहीं घूमते। परिणाम के लिए खगोलविदों ने 18,000 पुराने सितारों का नमूना बनाया, जो आकाशगंगा के पहले नाभिक का प्रतिनिधित्व करते हैं।

संपूर्ण संरचना के बारे में समझ बढ़ी

खगोलविदों का मानना है कि आकाशगंगा की शुरुआत के बारे में कम समझ थी। नया अध्ययन संपूर्ण संरचना के बारे में बड़ी समझ प्रदान करेगा। रिक्स की टीम ने गैया सैटेलाइट के डेटा के जरिए अध्ययन किया। यह सैटेलाइट 2013 में आकाशगंगा गैलेक्सी की मैपिंग के लक्ष्य के साथ लॉन्च किया गया था।