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नागपुर से बिलासपुर तक 130 की रफ्तार से दौड़ेंगी ट्रेनें, अगले माह अनुमति की आस

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रायपुर। नागपुर से रायपुर और बिलासपुर तक 130 की रफ्तार से ट्रेनें चलाने का (RAIPUR NEWS) प्रस्ताव लंबे समय से अटका हुआ है। रेलवे मंडल ने बिलासपुर से दुर्ग तक 130 किमी की रफ्तार से ट्रेनें चलाने के लिए पटरियों को अपडेट कर लिया है। दुर्ग से नागपुर तक पहले ही अपडेट किया जा चुका है। नागपुर से 130 की रफ्तार से ट्रेनें चल भी रही हैं।

वर्तमान में मंडल से गुजरने वाली 120 ट्रेनें 80 किलो मीटर प्रति घंटे की औसत रफ्तार से दौड़ रही हैं। पटरियों की झमता को जांचने तीन से अधिक बार दुर्ग से बिलासपुर तक 130 की रफ्तार से ट्रेन चलाकर ट्रायल भी किया जा चुका है।अब जाकर रेलवे मंडल ने जोन मुख्यालय को पत्र लिखकर ट्रेनों की गति को बढ़ाने के लिए अनुमति मांगी है। उम्मीद है कि नवंबर तक अनुमति मिल जाएगी।

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रायपुर रेलवे मंडल (RAIPUR NEWS)  पिछले चार सालों से ट्रेनों की रफ्तार 80 से बढ़ाकर 130 किलोमीटर प्रति घंटा करने के लिए पटरियों को दुरुस्त करने का काम लगातार करता आ रहा है। कोरोना संकटकाल में काम की गति धीमी होने के कारण ट्रैक मरम्मत निर्धारित अवधि में पूरी नहीं की जा सकी थी। कोरोना संक्रमण काल खत्म होते ही काम में फिर से तेजी आई। मंडल ने सारे ट्रैक को दुरुस्त करने के साथ ट्रायल भी कर लिया है। अब सारे दस्तावेज जोन मुख्यालय को भेज दिए गए हैं। मुख्यालय से हरी झंडी मिलने के बाद ट्रेनों की गति बढ़ा दी जाएगी। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ जाने से यात्रियों के समय में बचत होगी।

लगाए जा रहे बैरिकेड

रायपुर-बिलासपुर मुख्य हावड़ा-मुंबई रेल लाइन पर है। इस रूट पर गोंदिया (RAIPUR NEWS) से झारसुगड़ा तक का क्षेत्र बिलासपुर जोन के अंतर्गत है, इसलिए जोन के तीनों रेल मंडल रायपुर, बिलासपुर और नागपुर को यह जिम्मेदारी दी गई है कि रेल पटरी के दोनों तरफ के खुले हिस्सों को बैरिकेड से बंद कर लें, ताकि मवेशी ट्रैक पर न आ सकें। ट्रेनों की रफ्तार बढ़ने से सबसे बड़ा खतरा मवेशी हैं, इसलिए पटरियों के किनारे बैरिकेड लगाए जा रहे हैं।

अनुमति मिलते ही बढ़ेगी गतिः डीआरएम

डीआरएम संजीव कुमार ने कहा कि रायपुर मंडल (RAIPUR NEWS) में 130 की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए पटरियों के काम को पूरा कर लिया गया है। ट्रेनों की गति बढ़ाने के लिए जोन मुख्यालय से अनुमति मांगी गई है। अनुमति मिलने के बाद ट्रेनों की गति में बढ़ने से यात्रियों के समय की बचत होगी।