रायपुर। छत्तीसगढ़ की आबोहवा विदेशी मेहमान परिंदों (CG NEWS) को खूब भा रही है। ठंड के दस्तक के साथ इस बार फिर प्रवासी पक्षियों का जमावड़ा शुरू हो गया है।
यहां के बेलौदी, चीचा, अचानकपुर और सांतरा के वेटलैंड में भोजन की प्रचूर मात्रा (CG NEWS) और सरक्षित वातावरण के कारण हर साल 30 से 35 प्रजाति के प्रवासी पक्षी आते हैं। इस बार आर्कटिक के टुंड्रा मैदान से करीब 4 हजार किमी की यात्रा कर पेसेफिक गोल्डन प्लोअर, लेडर सैंड प्लोअर, बुड सैंड पाइपर, गारगने, रफ जैसी प्रवासी पक्षी यहां के वेटलैंड में पहुंच चुकी है।
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ये पक्षी आते हैं
बार हेडेड गूस, ब्लैक हेडेड आइबिस, ब्लैक विंग काइट, कॉमन क्रेस्टल, करमोरेंट, गोल्डन प्लोवर, ग्रीन सेंड पाइपर, हुदहुद, लिटिल रिंग प्लावर, नॉर्थन पिनटेल, पेंटेड स्टोर्क, रेड नेपड आइबिस, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, बुलबुल, स्पून बिल स्टोर्क, शार्ट टोड ईगल, वाइट ऑय बजार्ड, वूली नेकेड स्टोर्क, ब्लैक विंग स्टिल्ट, कॉटन पिग्मी गूस, गार्गने, लिटिल इग्रेट, ग्रेट इग्रेट, ओपन बिल स्टोर्क, सिकरा, मार्श हैरियर, बूटेड ईगल, ग्रेटर स्पॉटेड ईगल, ऑसप्रे, स्पॉटेड आउल, बर्न आउल, येल्लो ऑय बाबलर आदि।