देहरादून। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में डोकरानी ग्लेशियर (DOKRANI GLACIER) में मंगलवार को हुए हिमस्खलन में 10 पर्वतारोहियों की मौत हो गई और 31 लापता हैं। लापता पर्वतारोहियों की तलाश के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया, लेकिन मौसम खराब होने से रोकना पड़ा। मौसम ठीक होने के बाद रेस्क्यू फिर शुरू किया जाएगा।
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नेहरु पर्वतारोहण संस्थान (निम) की ओर से डोकरानी ग्लेश्यिर में द्रोपदी डांडा-2 पहाड़ी पर 22 सितंबर से प्रशिक्षण दिया जा रहा था। पर्वतारोहियों का दल लौटते समय हिमस्खलन की चपेट में आ गया। सुबह साढ़े नौ बजे राज्य आपदा कंट्रोल रूम को सूचना दी गई। देहरादून (DOKRANI GLACIER) से पहुंची एनडीआरएफ, एसडीआरएफ ने रेस्क्यू शुरू किया। आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि 8 पर्वतारोहियों को बचा लिया गया। द्रौपदी का डांडा 5,006 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को हादसे की सूचना दी और सेना की मदद मांगी। राजस्थान के झुंझुनूं जिले में सोलाना गांव का पर्वतारोही नायब सूबेदार अनिल धनखड़ भी बर्फ में फंस गए थे, लेकिन शाम को उन्हें सकुशल निकल लिया गया।
हिमालय में हिमस्खलन
- 6 मार्च, 1979: जम्मू-कश्मीर में 237 लोगों की मौत
- 5 मार्च, 1988 : जम्मू-कश्मीर में 70 लोगों की मौत
- 3 सितंबर, 1995 : हिमाचल प्रदेश में हिमस्खलन से नदी में बाढ़ जैसे हालात
- 2 फरवरी, 2005 : जम्मू-कश्मीर में हिमस्खलन से 278 लोगों की मौत
- 1 फरवरी, 2016 : सियाचिन क्षेत्र में हिमस्खलन से 10 सैनिकों की मौत
- 7 फरवरी, 2021 : चमोली के रैणी में हिमस्खलन से 206 लोगों की मौत