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योगी आदित्यनाथ से मिले ओपी राजभर, चर्चाओं से गलियारा गर्म

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सियासत में अभी से 2024 की राजनीतिक बिसात बिछाई जाने लगी है। सपा से नाता तोड़कर अलग हो चुके सुभासपाअध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर की बीजेपी के साथ नजदीकियां बढ़ने लगी हैं। मंगलवार को देर रात राजभर अपने बेटे के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (cm yogi aadityanath) से मिले। राजभर ने एक तरफ अखिलेश यादव के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है तो दूसरी तरफ योगी के साथ मुलाकात कर रहे हैं। ऐसे में सूबे में सियासी चर्चा तेज हो गई है कि राजभर क्या फिर से बीजेपी से हाथ मिलाएंगे?

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सीएम योगी मिलने को भले ही शिष्टाचार मुलाकात बताया जा रहा है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर दोनों नेताओं के बीच बात हुई है। बीजेपी ने 2024 के लोकसभा चुनाव (cm yogi aadityanath) में यूपी की 80 में से 80 सीटें जीतने का टारगेट रखा है। वहीं, बिहार के सियासी बदलाव के बाद नीतीश कुमार विपक्षी दलों को एकजुट करने में लगे हैं और यूपी की फूलपुर सीट से उनके चुनाव लड़ने की चर्चा तेज है। नीतीश कुमार की बढ़ती सक्रियता को देखते हुए ओपी राजभर और सीएम योगी की मुलाकात को खास माना जा रहा है।

ओम प्रकाश राजभर के बेटे और सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने बताया कि देर रात सीएम योगी से ओपी राजभर की मुलाकात हुई है। अरुण राजभर ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि बुधवार को इस संदर्भ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की जाएगी और ओपी राजभर बताएंगे कि सीएम योगी से मुलाकात के दौरान किन मुद्दों पर बात हुई।

राजभर जाति के लिए मांगा ST का स्टेटस

अब ओमप्रकाश राजभर ने राजभर जाति के लिए शेड्यूल ट्राइब (cm yogi aadityanath) का स्टेटस मांगा है। ओमप्रकाश राजभर के मुताबिक, योगी आदित्यनाथ ने मुलाकात के बाद राजभर जातियों को जनजातीय समुदाय में शामिल करने का प्रपोजल बनाकर केंद्र को भेजने का भरोसा दिया है। इसके अलावा ओमप्रकाश राजभर ने 50 साल से सरकारी जमीनों पर बसे हुए गरीबों के घरों पर बुलडोजर न चलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि जिले के अधिकारी अब ऐसे सरकारी जमीनों पर नोटिस दे रहे हैं, जिस पर भूमिहीन गरीब पिछड़े समुदाय के लोग दशकों से बसे हुए हैं। उन्हें उजाड़ा नहीं जाए।

राजभर फिर बीजेपी के साथ आएंगे?

विधानसभा चुनाव 2022 के बाद ही ओम प्रकाश राजभर ने सपा गठबंधन से नाता तोड़ लिया था। राष्ट्रपति चुनाव के दौरान अघोषित रूप से भाजपा के साथ राजभर घुलमिल चुके हैं और अखिलेश को लेकर मोर्चा खोल रखा है। ऐसे में सीएम योगी के साथ राजभर की मुलाकात को लेकर सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है कि क्या फिर से बीजेपी से हाथ मिलाएंगे।

बता दें कि ओम प्रकाश राजभर योगी आदित्यनाथ पर पिछड़ा विरोधी होने का आरोप लगाकर 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी से अलग हो गए थे।इसके बाद राजभर ने सीएम योगी के बारे में बहुत कुछ कहा, लेकिन अब उनके सुर बदल गए हैं। ओपी राजभर ने पिछले दिनों कहा था कि सीएम योगी आदित्यनाथ ईमानदार हैं, लेकिन कुछ अधिकारी हैं जो सरकार की छवि को मिट्टी में मिलाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा था कि योगी सरकार में व्यापारी सुरक्षित महसूस कर रहा है।