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न्यायालयों में लंबित मामले खत्म करने में अब मध्यस्थ बनेंगे वकील

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बिलासपुर। लंबित मामलों की संख्या कम करने के लिए मध्यस्थ नियुक्त (BILASPUR NEWS) करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने प्रयास शुरू कर दिया है। इसके लिए जिला और अधीनस्थ न्यायालयों के 12 वर्ष के अनुभव वाले चयनित वकीलों को 40 घंटे का आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह वकील दोनों पक्षों से बात करके समझौता कराएंगे। वर्तमान में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में 89 हजार और प्रदेश के अन्य न्यायालयों में साढ़े चार लाख मामले लंबित हैं।

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हाई कोर्ट के अलावा जिला कोर्ट व अधीनस्थ न्यायालयों में लंबित मामलों की संख्या (BILASPUR NEWS) तेजी के साथ बढ़ती जा रही है। न्यायालयों में ऐसे मामलों की संख्या अधिक है, जिनमें समझौता कराया जा सकता है। सुनवाई लंबी चलने पर याचिकाकर्ता के साथ ही प्रमुख पक्षकार भी परेशान होते हैं। न्यायालयों में लंबित प्रकरणों के आंकड़े भी उसी रफ्तार से बढ़ते जाते हैं। अब इन प्रकरणों की फाइल मध्यस्थ के हवाले कर दी जाएगी। इनका एकमात्र लक्ष्य दोनों पक्षों को राजीनामा के लिए सहमत कराना होगा।

12 वर्ष का अनुभव जरूरी

मध्यस्थ की भूमिका निभाने वाले वकील के पास 12 वर्ष का अनुभव होना (BILASPUR NEWS) जरूरी है। चयनित वकीलों को विशेषज्ञों द्वारा 40 घंटे का आवासीय प्रशिक्षण दिया जाएगा। बड़े जिले के जिला न्यायालयों में दो और छोटे जिले के जिला न्यायालयों में एक मध्यस्थ वकील की नियुक्ति होनी है।

डिफेंस कौंसिल सिस्टम हो रहा लागू

जिला न्यायालयों में लंबित मामलों के निराकरण के लिए छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने डिफेंस कौंसिल सिस्टम को लागू कर दिया है। प्रारंभिक चरण में प्रदेश के 18 जिलों में इसे लागू किया जा रहा है। इन जिलों के जिला न्यायालयों में एक-एक डिफेंस कौंसिल की नियुक्ति की जाएगी। इनको प्रति महीने मानदेय दिया जाएगा। डिफेंस कौंसिल की भूमिका निभाने वाले वकीलों को निजी प्रैक्टिस पर प्रतिबंध रहेगा।