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दिव्यांग महिलाओं की चुनौतियां, अवसर और अधिकारों पर सेमीनार, मंत्री अनिला भेंडिया हुई शामिल

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रायपुर। राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान रायपुर 17 सितंबर से 18 सितंबर, 2022 तक राष्ट्रीय महिला आयोग, नई दिल्ली के सहयोग से “विकलांग महिलाओं के अधिकार, चुनौतियां और अवसर” विषय पर राष्ट्रीय स्तर की सेमिनार आज शुरू हुआ।

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इस सेमिनार का आयोजन एनआईटी रायपुर के डिपार्टमेंट ऑफ़ हयूमैनिटिज़ एंड सोशल साइंस तथा डिपार्टमेंट ऑफ़ इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी द्वारा किया जा रहा है।

इस सेमिनार के उद्देश्य: विकलांग महिलाओं के आंतरिक और बाहरी अधिकारों, मौजूदा सरकारी नीतियों और कार्यक्रमों, सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक कारणों, सरकार द्वारा शुरू किए गए कार्यक्रमों और नीतियों, तथा सुधार के अवसरों का विश्लेषण करना है।

सेमिनार के उद्घाटन सत्र में मुख्य अथिति छत्तीसगढ़ सरकार में महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण विभाग की कैबिनेट मंत्री अनिला भेंडिया तथा समारोह की विशिष्ठ अथिति नेशनल अवार्ड फॉर एम्पावरमेंट ऑफ़ पर्सन्स विथ डिसैबिलिटीज से सम्मानित साधना ढांड और हाफ ह्यूमन रोबो एवं पर्वतारोही चित्रसेन साहू रहे। एनआईटी रायपुर के निदेशक, डॉ. ए. एम. रावाणी आयोजन समिति के मुख्य संरक्षक रहे।

सेमिनार की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई और उसके बाद राष्ट्रगान हुआ। फिर एनआईटी रायपुर के नृत्यम- द डांस क्लब और रागा- द म्यूज़िक क्लब द्वारा सांस्कृतिक प्रदर्शन आयोजित किए गए। कार्यक्रम के दौरान दिव्यांगजनों द्वारा बनाई गई विभिन्न कलाकृतियों और पेंटिंग्स का भी प्रदर्शन किया गया।राकेश सिंह ठाकुर ने सांकेतिक भाषा के द्वारा बधिर बच्चों को कार्यक्रम समझने में मदद की।

मंत्री अनिला भेंडिया ने अपने सम्बोधन में विकलांग महिलाओं को उनके दैनिक जीवन में आने वाली चुनौतियों पर बात की और उल्लेख किया कि कैसे उनका संगठन विभिन्न एनजीओ  को सहायता प्रदान करके विकलांग महिलाओं की मदद करता है।

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वहीं चित्रसेन साहू ने इस आयोजन के लिए एनआईटी रायपुर को धन्यवाद देते हुए अपने भाषण की शुरुआत की। उन्होंने फिजियोथेरेपी और रिहैबिलिटेशन जैसे उपचारों पर आम जनता की अनभिज्ञता पर अपनी बात रखी। इस कार्यक्रम में विभिन्न संस्थाओं से 200 से अधिक दिव्यांगजन समेत एन आई टी के छात्र और प्रोफेसर शामिल हुए।