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बिहार में सियासी घमासान, भिड़ गए सुशील मोदी और ललन सिंह

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पटना। मणिपुर में जनता दल यूनाइटेड के 6 में से 5 विधायकों के बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही बिहार में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के बड़े नेताओं के बीच में जबरदस्त जुबानी जंग चल रही है। बीजेपी के राज्यसभा सांसद और पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी अरुणाचल प्रदेश और मणिपुर के बाद बिहार को भी जेडीयू मुक्त होने की बात कह रहे हैं। इसे लेकर जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह बिफरे हुए हैं।

अरुणाचल प्रदेश जेडीयू मुक्त, अब बिहार की बारी

नीतीश के गठबंधन तोड़ने के विरुद्ध कई राज्यों में विद्रोह जारी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी से गठबंधन तोड़ने के कारण नीतीश कुमार के दूसरे राज्यों में विधायक नाराज थे। जल्द ही जनता दल यूनाइटेड (JDU) के अन्य प्रदेश इकाइयों में भी विद्रोह होगा। पैसे लेकर दलबदल कराने का आरोप अनर्गल है, जबकि सच्चाई ये है कि नीतीश कुमार की नीति और नियत को लेकर विरोध था। इसी वजह से उनकी पार्टी में टूट हुई है।

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हालांकि जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह इस बात को मानने को तैयार नहीं है कि मणिपुर में उनके विधायक नीतीश कुमार से नाराज होकर बीजेपी में शामिल हुए। ललन सिंह ने कहा कि जब 9 अगस्त को नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर 10 अगस्त को दोबारा मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी तो उसी दिन मणिपुर के सभी 6 विधायक पटना आकर नीतीश कुमार से मिले और अपनी एकजुटता दिखाई। उन्होंने आरोप लगाया कि मणिपुर के जेडीयू के विधायक जब वापस गए तो बीजेपी ने धनबल का प्रयोग करके उन्हें खरीद लिया. और बीजेपी में शामिल करा लिया।

JDU में कलह जारी?

ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी धनबल का इस्तेमाल करके विधायकों को खरीदने में माहिर है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में भी बीजेपी ने यही किया। दिल्ली में भी बीजेपी आम आदमी पार्टी के विधायकों को खरीदने की कोशिश कर रही थी, लेकिन उसमें फेल हो गए। झारखंड में भी अभी वैसा ही हो रहा है। ललन सिंह ने आरोप लगाया कि 2020 में अरुणाचल प्रदेश में बीजेपी ने जेडीयू (JDU) के 6 विधायकों को पार्टी में शामिल कराया और गठबंधन धर्म का पालन नहीं किया। ललन सिंह ने बीजेपी पर हमला करते हुए कहा कि जब अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री बने थे और एनडीए का गठन हुआ था, तो उस दौरान उन्होंने एक आचार संहिता बनाई थी कि कोई भी एनडीए का घटक दल एक-दूसरे में सेंधमारी नहीं करेगा, लेकिन अरुणाचल प्रदेश में ऐसा ही हुआ।