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जीपीएम के “भालू लैंड” में अब हाथियों की भी धमक…ग्रामीण हो रहे शिक़ार

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पेंड्रा। गौरेला पेंड्रा मारवाही जिले के मरवाही वनमंडल में हाथी औऱ भालू का आतंक मचा हुआ है। दोनों ही जानवर इंसानी आबादी के नजदीक पहुंचकर लगातार नुक्सान पहुंचा रहे है। इनकी आबादी क्षेत्र में बढ़ती नज़दीकियों से जंगल अफसरों की चिंता भी बढ़ती ही जा रही है।

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वन विभाग के द्वारा तमाम कोशिशों के बावजूद इंसानों और जंगली जानवरों का आमना सामना हो रहा है, जिसमें इंसानों का बड़ा नुकसान हो रहा है।

गौर हो कि मरवाही वनमंडल का सम्पूर्ण इलाका भालू लैंड के नाम से जाना जाता रहा है। पिछले कुछ वर्षों में इस क्षेत्र में हाथियों की सक्रियता बढ़ी है। वर्तमान में मरवाही वनमंडल में 3 हाथियों के समूह से लेकर 22 हाथियों के समूह तक का जमावड़ा बना हुआ है।

फिलहाल 22 हाथियों का दल वन परिक्षेत्र पेन्ड्रा के बीट कोटमी, केशला, तिलोरा, देवरीकला, देवरी खुर्द के पास बना हुआ है। जहाँ बीती रात को इन हाथियों ने मकानों को क्षतिग्रस्त किया है।

खेतों की फसलों को भी रौंद दिए हैं। वर्तमान में ये हाथी दो ग्रुप में सागौन प्लाट और गौठान के पास आराम कर रहा है, जो पेंड्रा रेंज के परिसर कोटमी के 2364 सर्किल में है।

वहीं दूसरी तरफ गौरेला रेंज के गांव कोरजा में आज सुबह एक भालू बस्ती में विचरण करते हुए नजर आया। गांव वालों का कहना है कि ये भालू पिछले कुछ समय से इंसानी बस्ती के इर्द गिर्द बना हुआ। गांव के लोग भालू के इतने नजदीक जा कर वीडियो बना रहे हैं, जो कि किसी घटना का कारण भी बन सकता है।

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ग्रामीण लोग भी हाथियों और भालू को देखने और खदेड़ने की उत्सुकता में जान जोखिम में डालते नजर आ रहे है। बड़ी संख्या में हाथियों को खेतों से दूर करने के लिए लोग जंगलों का रुख कर रहे हैं।