नई दिल्ली। केंद्रीय इस्पात और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने एकीकृत इस्पात संयंत्रों और माध्यमिक इस्पात उद्योग के लिए गठित दो सलाहकार समितियों की बैठक की अध्यक्षता की।
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इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते भी बैठक में उपस्थित थे। इस्पात उद्योग, संघ के प्रख्यात सदस्य, शिक्षाविद, सरकार के वरिष्ठ सेवानिवृत्त अधिकारी इन समितियों के सदस्य हैं।
इस पहली बैठक में यह निर्णय लिया गया कि ये समितियां इस्पात क्षेत्र से संबंधित महत्व के मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगी। समिति के सदस्यों को संबोधित करते हुए ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार का मंत्र निर्णय प्रक्रिया को सहभागी बनाना है।
रसद, कोयला और खान, राज्य सरकारों आदि सहित विभिन्न अन्य क्षेत्रों के बीच व्यापक तौर पर आंतरिक संबंध है। सलाहकार समितियों के गठन का उद्देश्य हितधारकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना और सीधे हितधारकों से कार्रवाई की संभावित प्रक्रिया सुनिश्चित करना है, जो इस्पात क्षेत्र की सफलता सुनिश्चित करेगा। दोनों सलाहकार समितियों द्वारा प्राथमिकता के आधार पर निपटाए जाने वाले मुद्दों को चिन्हित किया गया।
ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने उद्योग जगत से सलाहकार समितियों में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया और कहा कि बैठकों की आवधिकता इस क्षेत्र के सामान्य मुद्दों को हल करने के लिए उद्योग की इच्छा पर निर्भर करेगी।
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सिंधिया का धन्यवाद करते हुए समिति के सदस्यों ने समितियों के गठन के विचार का स्वागत किया और इस क्षेत्र के मजबूत विकास और राष्ट्रीय इस्पात नीति 2017 में निर्धारित लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।