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दुर्ग विवि में इस सत्र भी नहीं हो पाएगी यूटीडी की शुरुआत

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दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय (DURG UNIVERCITY) इस साल भी यूटीडी की शुरुआत नहीं कर पाया। नए सेशन में विद्यार्थियों को उम्मीद थी पीजी के कोर्स की पढ़ाई दुर्ग विवि की यूटीडी में करेंगे पर उनकी यह मुराद पूरी नहीं हो पाई।

विवि प्रशासन का कहना है कि उच्च शिक्षा विभाग और राज्य सरकार को यूटीडी शुरू करने के लिए लगातार पत्राचार किया जाता रहा, लेकिन शासन स्तर पर फाइल आगे ही नहीं बढ़े। कुल मिलाकर दुर्ग विवि यूटीडी की फाइल करीब 5 साल से विभागों में धूल खा रही है। हेमचंद विवि के इस बीच 3 कुलपति बदल गए लेकिन कोई भी इसकी शुरुआत नहीं करा पाया। विवि ने शासन को वित्तीय भार सहित तमाम जानकारियां पहले ही दे दी है।

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पांच साल बाद भी हाथ खाली

साल 2015 में विवि स्थापित हुआ। जबकि 2017 में पहली बार यूटीडी शुरू करने विवि (DURG UNIVERCITY) ने शासन को प्रस्ताव भेजा। उस वक्त शासन ने यूटीडी शुरुआत की मंजूरी दे दी, लेकिन इसके लिए जरूरी फंड और प्रोफेसरों की नियुक्ति पर चुप्पी साध ली। आज 7 साल बाद भी हेमचंद यादव विवि यूटीडी के मामले में वहीं खड़ा है।

मंजूरी मिलने की उम्मीद में पांच सेशन गुजर गए, लेकिन शुरुआत नहीं हो पाई। सबसे पहला प्रस्ताव बेसिक साइंस के पांच विषयों को शुरू कराने का था, जिसे अब तंग आकर खुद विवि प्रशासन ने ही बदल दिया। अब यूटीडी के लिए दोबारा प्रस्ताव बनाया गया, जिसमें पीजी के सामान्य कोर्स जोड़े गए। मामले में दुर्ग विवि (DURG UNIVERCITY)  की कुलपति डॉ. अरुणा पल्टा का कहना है, कि यूटीडी की शुरुआत के लिए प्रयास जारी है। विवि ने शासन को इसका प्रस्ताव भेजा है। वित्त विभाग ने यूटीडी के लिए वित्तीय भार सहित अन्य जानकारी ली है।