रायपुर। विधानसभा में सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण करने का मामला सदन में गरमाया। ध्यानाकर्षण सूचना के ज़रिए इस मुद्दा को विपक्ष के नेताओं ने उठाया और सरकार पर तीखा प्रहार किया। विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि शासकीय ज़मीनों पर अतिक्रमण की परंपरा बढ़ गई है। भविष्य में किसी योजना के लिए शासकीय ज़मीन की आवश्यकता पड़ने पर ज़मीन नहीं मिलेगी।
प्रदेश के सभी ज़िलों में भू माफिया शासकीय ज़मीनों पर क़ब्ज़ा कर रहे हैं. राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा कि प्रचलित गाइडलाइन पर क़ीमती सरकारी ज़मीन पर अतिक्रमण नहीं बढ़ रहा है, जिनका क़ब्ज़ा 20 साल से अधिक है, उन्हें ही प्रचलित गाइडलाइन के तहत लाभ मिल रहा है. पूरे प्रदेश में शासकीय ज़मीनों पर अतिक्रमण के 18 हज़ार 30 प्रकरण दर्ज किए गए हैं.
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि मंत्री ने सिर्फ़ 2021-22 का ही जवाब दिया है। सरकार के कार्यकाल में अतिक्रमण के कुल कितने मामले सामने आए हैं। अतिक्रमण पर प्रकरण दर्ज करने की ज़रूरत ही नहीं है। सीधे तोड़ना चाहिए। अग्रवाल ने कहा कि मेरे विधानसभा में स्कूल के लिए 25 एकड़ ज़मीन आरक्षित थी. मैं कलेक्टर को बार बार पत्र लिख रहा हूं, लेकिन भू माफिया उस पर अतिक्रमण की तैयारी कर रहे हैं। शासकीय ज़मीनों पर ऐसे ही क़ब्ज़ा होता रहा तो आने वाले दिनों में ज़मीन नहीं मिलेगी. मेरे पास नक़्शा है, कहां कितना अतिक्रमण हुआ है। 100-100 फ़ीट के गड्डों में मिट्टी भरकर क़ब्ज़ा हो गया है। 152 फ़ीसदी पैसा पटाकर कोई भी ज़मीन ले सकता है।
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि एक हज़ार रोहिंग्या अवैध रूप से छत्तीसगढ़ में बस गए हैं। इसे सिर्फ़ वोट से जुड़ा मसला मत समझिए। छत्तीसगढ़ बनने के दिन से अब तक हुए क़ब्ज़ों को सरकार हटा दे। हम समर्थन देंगे। 152 फ़ीसदी पैसा पटाने के नियम आने के बाद लोग पटवारी, तहसीलदार, आरई से सेटिंग कर अतिक्रमण कर रहे है।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि मेरे विधानसभा में तहसीलदार ने शासकीय ज़मीन भू माफिया को बेच दिया। मंत्री के संज्ञान में लाने के बाद तहसीलदार को सस्पेंड किया गया। जेसीसी विधायक धरमजीत सिंह ने कहा कि मेरी जानकारी में बिलासपुर में एक ही आदमी के 27 आवेदन लगे हैं। पत्नी के नाम, भाई के नाम, रिश्तेदारों के नाम. बरबसपुर में अतिक्रमण की शिकायत पर मंत्री खुद जायज़ा लेने आए थे। राजस्व मंत्री खुद जब बेजा क़ब्ज़ा को नहीं हटा पा रहे हैं तो अधिकारी कैसे हटाएंगे।
राजस्व मंत्री ने कहा कि कि गांव वालों ने मुझसे शिकायत की थी, ग्रामीणों की शिकायत के बाद मैं स्पॉट पर भी गया था। मंत्री ने बरबसपुर में हुए अतिक्रमण मामले में पटवारी और आरई के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी। इधर विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि इस सरकार के आने के बाद से अब तक सदन में दिए गए जितने भी आश्वासन हैं, एक बार उसे देख लिया जाए। एक भी आश्वासन पर कार्रवाई नहीं हुई। राजस्व मंत्री ने कहा कि नई व्यवस्था के तहत बहुत कम ज़मीन का आबंटन किया गया है।