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‘गौरैया’ की मदद से दुश्मनों के खुफिया संदेश पकड़ेगी सेना

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कानपुर। दुश्मनों के खुफिया संदेशों को जानने के लिए भारतीय सेना (FORCE) अब ’गौरैया’ का उपयोग करेगी। यह गौरैया पक्षी नहीं, पक्षी जैसा नैनो ड्रोन है। इसे आइआइटी कानपुर के एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के छात्र वसंथ ने बनाया है। सेना की जरूरतों के मुताबिक इस ड्रोन को तैयार किया जा रहा है। इसका वजम मात्र 239 ग्राम है। जमीन से 50 मीटर ऊपर जाते ही यह आंखों से ओझल हो जाता है।

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वसंथ के अनुसार ड्रोन गौरैया में कई विशेषताएं हैं, जो सेना (FORCE)  के लिए मददगार साबित होंगी। इसकी आवाज 35 मीटर ऊंचाई पर जाने के बाद नहीं सुनी जा सकेगी। सेना के अफसरों ने इस ड्रोन को बहुत उपयोगी बताया है। पक्षी के आकार और डैनों की वजह से किसी रडार के लिए इसे पहचानना आसान नहीं होगा। वसंथ इसे सेना की मांग के मुताबिक अपग्रेड कर रहे हैं।

सेना ने दिए संशोधन के सुझाव

सेना ने इस ड्रोन में संशोधन के सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन गौरैया में नाइट विजन कैमरे लगाए जाएं। रडार रोधी सेंसर जरूर हो। गौरैया प्रोजेक्ट के डायरेक्टर प्रो. अभिषेक के अनुसार ड्रोन इतना छोटा है कि जेब में आसानी से आ सकता है। सामान्य प्रशिक्षण (FORCE) के बाद इसे उड़ाया जा सकता है। आइआइटी कानपुर हॉक ड्रोन, ऑटो पायलट, एग्रीकल्चर और मेडिकल ड्रोन विकसित कर चुका है।