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वीवो के 44 ठिकानों पर हुई थी कार्रवाई, मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स चोरी का आरोप

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दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चीनी मोबाइल कंपनी वीवो के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच तेज कर दी है। इसे लेकर ED ने 5 जुलाई को वीवो और इससे जुड़ी फर्मों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच को लेकर देशभर के अलग- अलग राज्यों में 44 जगहों पर छापेमारी की थी। छापेमारी के बाद ही कंपनी के डायरेक्टर झेंगशेन ओउ और झांग जी देश से भाग गए।

ED ने वीवो के खिलाफ हाल ही मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। चीनी मोबाइल कंपनियों पर रॉयल्टी के नाम पर देश से बाहर पैसा भेजने और टैक्स चोरी का आरोप है। इधर, चीन ने बुधवार को उम्मीद जताई कि भारत वीवो के खिलाफ कानून और नियमों के अनुसार जांच करेगा। चीन की कंपनियों के लिए निष्पक्ष और गैर-भेदभावपूर्ण कारोबारी माहौल प्रदान करेगा। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियन ने कहा, हम इस मामले में बारीकी से नजर रख रहे हैं।

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शाओमी पर भी हुई थी कार्रवाई

ED ने इससे पहले अप्रैल में फेमा उल्लंघन के आरोप में चीनी मोबाइल कंपनी शाओमी की 5,551 करोड़ रुपए की संपत्ति अटैच की थी। कंपनी पर अपनी कमाई को गैरकानूनी तरीके भारत से बाहर भेजने का आरोप था। कंपनी ने यह हेराफरी इसी महीने फरवरी में की थी, जिसके बाद संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की गई थी। ED का कहना था कि टेक कंपनी रॉयल्टी के नाम पर इस तरह के बड़े अमाउंट की हेराफेरी चीन में मौजूद अपनी पेरेंट कंपनी के इशारे पर कर रही थी। इसे अमेरिका में मौजूद शाओमी ग्रुप कंपनी को भी भेजा गया था।

IT और ED के निशाने पर हैं चाइना की मोबाइल कंपनियां

चाइना की अन्य कंपनियों की तरह वीवो भी IT और ED के रडार पर है। अप्रैल में जांच की मांग की गई थी कि क्या वीवो की ऑनरशिप और फाइनेंशियल रिपोर्ट में गड़बड़ी है या नहीं? ED, CBI के साथ कॉरपोरेट मामलों का मंत्रालय भी इन कंपनियों से जुड़े फर्मों पर कड़ी नजर रखे हुए है।

शाओमी पर भी हुई थी कार्रवाई

स्मार्टफोन बनाने वाली चीनी कंपनी शाओमी पर ED ने छापेमारी की कार्रवाई की थी। इसके बेंगलुरु स्थित ऑफिस से अप्रैल में ED ने 5,551 करोड़ रुपए की रकम जब्त की थी। कंपनी पर अपनी कमाई को गैरकानूनी तरीके भारत से बाहर भेजने का आरोप था। कंपनी ने यह हेराफरी इसी महीने फरवरी में की थी, जिसके बाद संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई की गई थी। ED का कहना था कि टेक कंपनी रॉयल्टी के नाम पर इस तरह के बड़े अमाउंट की हेराफेरी चीन में मौजूद अपनी पेरेंट कंपनी के इशारे पर कर रही थी। इसे अमेरिका में मौजूद शाओमी ग्रुप कंपनी को भी भेजा गया था।

फोन मार्केट में चीनी कंपनियों का दबदबा

देश में मोबाइल मार्केट में चाइनीज कंपनियों का बहुत दबदबा है। शाओमी (Xiaomi), ओप्पो (Oppo) और वीवो (Vivo) जैसी कंपनियां अच्छी कमाई कर रही हैं। इन सभी कंपनियों पर पिछले कुछ सालों के दौरान रेगुलेटरी फाइलिंग और दूसरी तरह की रिपोर्टिंग में गड़बड़ी करने का आरोप है। इसके साथ ही देश के बाहर पैसा भेजने का भी आरोप है, जिसके बाद सरकार ने सभी के खिलाफ बड़ी जांच शुरू की थी। यह जांच कई एजेंसियां कर रही हैं।