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मनरेगा में काम कर रहे स्टूडेंट की मौत: सरपंच, सचिव समेत 4 पर FIR

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बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर (BILASPUR NEWS) में हाईटेंशन की चपेट में आकर एक छात्र की मौत हो गई। छात्र मनरेगा के तहत तालाब गहरीकरण का काम कर रहा था। इसी दौरान बांध के ऊपर से निकले तार की चपेट में आकर झुलस गया। हादसा तीन माह पहले का है। पुलिस ने इस मामले में अब सरपंच, सचिव, रोजगार सहायक समेत एक अन्य के खिलाफ लापरवाही से मौत का केस दर्ज किया है। घटना तीन माह पहले सीपत थाना क्षेत्र की है।

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ग्राम उनी निवासी अभिषेक यादव (22) पुत्र नरेश यादव सीपत के गवर्नमेंट कॉलेज में बीकॉम अंतिम वर्ष का छात्र था। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण वह गांव में ही मनरेगा में सुपरवाइजर का काम करता था। 17 मार्च की सुबह वह तालाब गहरीकरण का काम कराने गया था। इस दौरान वह तालाब के बांध तरफ चढ़ गया। तालाब से मिट्‌टी निकाल कर बाहर बांध पर रखी गई थी, जिससे ऊंचाई बढ़ गई। इसके चलते हाईटेंशन तार बांध तक पहुंच गया था। अभिषेक को ऊपर से बिजली तार गुजरने का ध्यान ही नहीं रहा और वह तार में प्रवाहित करंट की चपेट में आकर बुरी तरह से झुलस गया, जिससे उसकी मौत हो गई थी।

लाइन शिफ्टिंग के बिना ही शुरू कराया गहरीकरण

जांच के दौरान पता चला कि ग्राम पंचायत की ओर से बिजली (BILASPUR NEWS)  के खंभा और तार को हटाने के लिए बिजली विभाग में प्रस्ताव दिया गया था। इस पर बिजली विभाग की ओर से लाइन शिफ्टिंग में आने वाले खर्च का ब्योरा पंचायत को दे दिया गया था। पंचायत ने विभाग में राशि जमा नहीं की और बिना लाइन शिफ्टिंग के ही सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक ने तालाब गहरीकरण का काम शुरू करा दिया। पुलिस की जांच में सरपंच रमेश साहू, उप सरपंच राजेंद्र सिंह, सचिव अशोक कुमार साहू, रोजगार सहायक अखिलेश्वर ठाकुर की लापरवाही से मजदूर छात्र की मौत होने का पता चला है। लिहाजा, उनके खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है।

विद्युत वितरण कंपनी पर लापरवाही के लगाए थे आरोप

छात्र की मौत के बाद सरपंच रमेश कुमार साहू  (BILASPUR NEWS) ने कहा था कि मनरेगा के तहत काम शुरू करने के पहले ही तालाब के ऊपर से जा रहे हाईटेंशन तार को लेकर विद्युत वितरण कंपनी को खंभा हटाने की मांग की थी। इसके बाद भी विभाग ने लाइन शिफ्टिंग नहीं कराई, इसके चलते तालाब गहरीकरण के दौरान मिट्‌टी बाहर निकालने पर बांध ऊपर तक पहुंच गया और तार जमीन के करीब आ गया। सरपंच ने अफसरों पर लापरवाही का आरोप लगाया था।