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कोल इंडिया: एमडीओ मॉडल से पहली बार निजी कंपनी को सौंपी गई खदान, एसईसीएल को 30 फीसदी तक मुनाफा होगा

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बिलासपुर। SECL ने पहली बार माइन डेव्हलपर एंड ऑपरेटर मॉडल से निजी कंपनी को खदान सौंपा है। कंपनी इसी माह उत्पादन शुरू करेगी और खदान से कोयला निकालकर एसईसीएल को देगी। एसईसीएल उसे बेचकर कंपनी को उसकी लागत और मुनाफा देगा। एसईसीएल को 30 फीसदी मुनाफा होने की संभावना है। कोल इंडिया ने जनवरी में केतकी खदान को एमडीओ मोड पर निजी कंपनी को देने का प्रस्ताव मंजूर किया था। सार्वजनिक क्षेत्र में एमडीओ मॉडल पर पहली बार निजी कंपनी को खदान सौंपा गया है।

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SECL ने सूरजपुर जिले के विश्रामपुर क्षेत्र के लखनपुर कोलफील्ड्स के केतकी अंडरग्राउंड माइंस से कोयला खनन करने का ठेका नागपुर की मेसर्स एसएमएस कंपनी को दिया है। इसके लिए वर्क ऑर्डर 10 मार्च को जारी किया गया था। 12 मिलियन टन कोयले की क्षमता वाली खदान को एसईसीएल ने कंपनी को 16 साल के लिए दिया है। खदान से निकलने वाला पूरा कोयला कंपनी एसईसीएल को ही देगी। कोयला बेचने का अधिकार एसईसीएल के पास ही है। इस खदान का कोयला उच्चतम क्वालिटी का जी 7 ग्रेड का है। कंपनी एक साल में 0.87 मिलियन टन कोयले का उत्पादन करेगी।

रिमोट ऑपरेटेड मशीन से होगी खुदाई

निजी कंपनी को खुदाई के लिए रिमोर्ट ऑपरेटेड कंटीन्यूस माइनर मशीन (सीएम) का उपयोग करना होगा। यह मशीन रिमोर्ट ऑपरेटेड मशीन है। ऑपरेटर इस मशीन का संचालन दूर बैठकर रिमोर्ट के जरिए करेगा। इस मशीन का फायदा यह है कि यह एक ही साइज यानी 100 एमएम साइज का कोयला ही काट कर निकलेगा। ये कोयला सबसे उपयुक्त माना जाता है और इसकी डिमांड भी अधिक होती है। इस मशीन से कटिंग के बाद कोयला ऑटोमैटिक बाहर निकलेगा।

जी-7 ग्रेड का है केतकी खदान का कोयला

केतकी खदान से कोयला खनन करने के बाद कंपनी पूरा कोयला SECL को देगी। वहां से निकलने वाला कोयला जी 7 ग्रेड केटेगरी का होगा। एसईसीएल 2053 रुपए टन के हिसाब से बेचेगी। अभी सामान्य कोयला 1200 रुपए टन में बिक रहा है। यहंां के कोयले का रेट अधिक होगा।

क्यों लिया गया यह फैसला

कोल इंडिया की समस्त कंपनियों को मिलाकर वर्तमान में एक साल में 700 मिलियन टन का उत्पादन है, इसमें एसईसीएल का सालाना उत्पादन 150 मिलियन टन है। देश में जिस तरह से कोयला की मांग बढ़ रही है, उससे कोल इंडिया को वर्ष 2024-25 तक अपना उत्पादन 1 बिलियन टन यानी 1 हजार मिलियन टन करना है। एसईसीएल का उत्पादन 100 मिलियन टन बढ़ाकर 250 मिलियन टन किया जाना है। इस बार कोल इंडिया ने अपनी खदानों में खनन का काम बाहरी सोर्स से बेहतर ढंग से कराने के लिए माइन डेव्हलपर एंड ऑपरेटर मॉडल से देने का निर्णय लिया है।