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बारदाना संकट का असर, प्लास्टिक की बोरी में चावल की आपूर्ति

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बिलासपुर। धान खरीदी के समय बारदाना आपूर्ति (BILASPUR NEWS) के संकट का असर अब राशन दुकानों में दिखाई देने लगा है। नागरिक आपूर्ति निगम ने इस महीने उचित मूल्य की दुकानों में जूट के बारदाने के बजाय प्लास्टिक की बोरियों में चावल व शक्कर की आपूर्ति की है। इसके कारण राशन दुकानदारों को घाटा हो रहा है। जूट के बारदानों को वे खुले बाजार में प्रति बारदाना 18 रुपये में बेच दिया करते थे। इससे छोटे दुकानदारों को भी हर माह नौ से 10 हजार रुपये मिल जाते थे। वहीं बीते दो वर्षों से बारदानों को खुले बाजार में बेचने पर रोक लगा दी गई है। राज्य सरकार खुद 15 रुपये प्रति बारदाना की दर से दुकान संचालकों को भुगतान कर रही है।

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जूट कमिश्नर कोलकाता से बारदाना की आपूर्ति नहीं किए जाने से राज्य सरकार (BILASPUR NEWS)  ने बीते वर्ष प्लास्टिक की बोरियों में धान की खरीदी की थी। राज्य गठन के 22 वर्ष में यह पहली बार हो रहा है जब नागरिक आपूर्ति निगम ने प्रदेश की उचित मूल्य दुकानों में जूट के बारदानों के बजाय प्लास्टिक की बोरी में चावल व शक्कर की आपूर्ति की है। कोरोना संक्रमणकाल से प्रदेश में जूट के बारदानों का संकट बना हुआ है। बीते वर्ष राज्य सरकार ने किसानों से समर्थन मूल्य पर 95 लाख टन धान खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया था। जूट कमिश्नर कोलकाता को पांच लाख गठान (एक गठान में 500 नग) बारदाना आपूर्ति की मांग की थी।

जूट कमिश्नर ने डेढ़ लाख गठान बारदाना की ही आपूर्ति की थी। कोरोना (BILASPUR NEWS)  की पहली संक्रमण के दौरान देशव्यापी लाकडाउन की स्थिति बनी थी। उद्योग सहित अन्य व्यवसाय में एक वर्ष से भी अधिक समय तक तालाबंदी की स्थिति बनी रही। जूट कारखाना कोलकाता में भी कमोबेश यही स्थिति थी। यही कारण है कि जूट कमिश्नर ने राज्य सरकार को मांग के अनुसार आपूर्ति करने से इन्कार कर दिया था।