छत्तीसगढ़ chhattisgarh। ऐसी खबर सुनकर शायद आपको भी आश्चर्य होगा कि क्या वाकई आज के ज़माने में जहां ऊंच -नीच , छोटे बड़ो का भेद ख़त्म हो गया है वहां अब भी ऐसे नियम बन सकते हैं ?
लेकिन यह खबर कहीं और कि नहीं बल्कि राजधानी से लगे एक जनपद की ही है। मिली सूचना के मुताबिक यह तालाब छत्तीसगढ़ (chhattisgarh )के महासमुंद जनपद के छुहापाली बसना में स्थित है जहां चूने से लिख दिया गया है कि उस इलाके की एससी वर्ग की गाड़ा-धसिया जाति के लोग इस तालाब में स्नान नहीं कर सकते।
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क्या है खबर
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ (chhattisgarh ) के महासमुंद में इस कथित तालाब में आज भी देश की बहुत बड़ी आबादी को इंगित स्थान पर नहाने की मनाही है। जिसके पीछे किसका हाथ है यह अभी ज्ञात नहीं। जिसे देखकर कहा जा सकता है कि हम भले ही 21 वीं सदी में जाने व प्रगतिशील होने का दम्भ भर रहे हों पर जाति गत भेद है कि जाने का नाम नहीं ले रही। भारत में इंसान-इंसान से भेद न कर सके इस निमित्त भारतीय संविधान ने तमाम इंतजाम व भेदभाव करने वालों के लिए कानूनी प्राविधान व सजा मुकर्रर कर रखा है लेकिन कानूनी प्राविधानों व सजाओ से आज भी हमारा समाज बेपरवाह हो जातिगत घृणा व हिंसा से बाज नही आ रहा है।
अब सोचने वाली बात है कि तालाब में पशु-पक्षी बीट(मल त्याग) कर सकते हैं पर इंसान जाति से यदि अछूत है तो उस जल का आचमन भी नही कर सकता |