रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री ने धान खरीदी कृषि कानून और प्रदेश में एथेनॉल के मुद्दे पर एक पत्रकार वार्ता को संबोधित किया है। इस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि “सबसे पहले केंद्र सरकार को किसान कृषि कानून में बदलाव करना चाहिए, जो केवल पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने की नियत से बनाया गया है।”
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आगे उन्होंने हाल ही में छत्तीसगढ़ दौरे पर पहुंचे केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान के बयानों पर कहा कि “अनाज खरीदने की अवस्था एफसीआई करती है, यह बिल्कुल सच है, लेकिन राज्य सरकार एक मात्र माध्यम है और जब एजेंसी राज्य सरकार है, तो ऐसे में केंद्र सरकार लिमिट किस लिहाज से तय करती है ?
सीएम भूपेश ने आगे बढ़ कहा कि “बोनस देने वाले राज्यों से अनाज खरीदी करने की मनाही जून 2014 में ही केंद्र सरकार ने कर दी थी। जिसके बाद हमने आंदोलन किए और विभिन्न तरीकों से इस मांग को केंद्र के समक्ष रखा, पर सरकार के खाद्य मंत्री कृषि मंत्री कोई भी तस से मस नहीं हुआ।
इस रवैय्ये के बाद हमने एक नया प्रयोग करने की सोची, और फरवरी 2019 में एथेनॉल बनाने के लिए एक कार्यशाला का आयोजन किया। इस कार्यशाला से निकले निष्कर्ष के आधार पर ही हमने केंद्र सरकार से एथेनॉल बनाने की अनुमति मांगी थी।
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इसके लिए भी हमे दबाव बनाना पड़ा तब जाकर हमे अब अनुमति मिल पाई है। अब प्रदेश में एथेनॉल बनेगा और इसकी खरीदी पर भी केंद्र ने सहमति जताई है। सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि एथेनॉल की खरीदी 54 की दर से की जाएगी। इसके लिए लगभग आधा दर्जन कंपनियों से एमओयू भी हो चुका है, शुगर और धान से हम एथेनॉल बनाएंगे।