पटना। राष्ट्रीय जनता दल के अंदर नीतिगत फैसले लेने का अधिकार लालू प्रसाद के छोटे बेटे तेजस्वी यादव (TEJASVI YADAV) को लालू प्रसाद की उपस्थिति में राजद विधानमंडल दल की बैठक में 31 मई को दिया गया।
दो दिन बाद ही लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने अपने संगठन ‘छात्र जनशक्ति परिषद’ का नाम बदलकर ‘जनशक्ति परिषद’ कर दिया। यानी अब इस संगठन में सिर्फ युवा ही नहीं बल्कि सभी उम्र के लोग शामिल हो सकते हैं। यह तेजप्रताप यादव द्वारा भविष्य में राजनीतिक संगठन की ओर बढ़ा बड़ा कदम माना जा रहा है। बता दें कि तारापुर उपचुनाव में छात्र जनशक्ति परिषद के मुंगेर प्रमंडल अध्यक्ष संजय कुमार ने तारापुर से निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा तेजप्रताप यादव के कहने पर कर दी थी। तब रातों रात तेजस्वी यादव ने उन्हें समझा-बुझा लिया था।
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सभी के लिए संगठन का दरवाजा खुला
छात्र जनशक्ति परिषद का नाम बदल कर जनशक्ति परिषद करते हुए संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजप्रताप यादव ने कहा है कि 5 सितंबर 2021 को छात्र युवाओं के मुद्दे पर छात्र जनशक्ति परिषद का गठन किया गया था। संगठन (TEJASVI YADAV) के प्रति लोगों की आस्था बढ़ी है। सभी वर्गों को ध्यान में रखते हुए अब संगठन का स्वरुप विस्तृत किया जा रहा है जिसे जनशक्ति परिषद के रुप में जाना जाएगा। इसमें छात्र, युवा सहित हर तरह के लोग शामिल होंगे।
जनशक्ति परिषद का नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा
तेजप्रताप यादव ने बताया कि जनशक्ति परिषद की इकाई का निर्माण भी किया जाएगा। जैसे कि छात्र, युवा, महिला, शिक्षक, व्यवसायी, किसान, कला-संस्कृति आदी प्रकोष्ठ भी बनाए जाएंगे। जनशक्ति परिषद का प्रवक्ता प्रशांत किशोर को बनाया गया है। प्रशांत किशोर पहले छात्र जनशक्ति परिषद के प्रदेश अध्यक्ष थे। जनशक्ति परिषद के नए अध्यक्ष की नियुक्ति की जाएगी। जनशक्ति परिषद के छात्र प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष सौरव पासवान को बनाया गया है।
हाथ में लालटेन, बांसुरी और राजद
बता दें कि अब तक तेजप्रताप यादव ने छात्र जनशक्ति परिषद के बैनर तले जनशक्ति परिषद यात्रा कई जिलों में निकाली है। छात्र जनशक्ति परिषद का पहला बड़ा कार्यक्रम तेजप्रताप यादव ने अक्टूबर 2011 में की थी जब पटना के गांधी मैदान से जेपी आवास तक वे खाली पैर गए थे। तेजप्रताप यादव ने जब छात्र जनशक्ति परिषद का गठन किया था तब उसका चिह्न हाथ में लालटेन रखा था और छात्र जनशक्ति परिषद के बाद ब्राइकेट में राजद भी लिखा था। लेकिन लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव (TEJASVI YADAV) के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने छात्र जनशक्ति परिषद का चिह्न बांसुरी रखा और राजद का नाम भी हटा लिया।
राजनीति पार्टी की तरह इसका इस्तेमाल करें
छात्र जनशक्ति परिषद को तेजप्रताप यादव ने ऐसे समय में विस्तार देने की योजना बनाई है जब तेजस्वी यादव को राजद में नीतिगत फैसले लेने का अधिकार दे दिया गया है। बहुत संभव है तेजप्रताप जनशक्ति परिषद को राजनीतिक पार्टी के रुप में आने वाले चुनावों में इस्तेमाल करें और अपनी पार्टी की ओर से उम्मीदवार उतारें! हालांकि अभी उन्होंने ऐसी बात नहीं कही है। वर्तमान में वे हसनपुर से राष्ट्रीय जनता दल के विधायक हैं। लेकिन पार्टी से अलग उन्होंने अपना संगठन बनाया और उसे लगातार ताकत दे रहे हैं। संगठन को मजबूती देने में ताकत झोंक रहे हैं। उनके बारे में लोगों की धारणा है कि वे अपने मन की करते हैं। राजद के किसी बड़े नेता के बारे में भी कहना हो तो वे परवाह नहीं करते। राजद के वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह, शिवानंद तिवारी, सुनील कुमार सिंह, तेजस्वी के रणनीतिकार संजय यादव पर वे कई बार बयान दे चुके हैं और राजद को कमजोर करने का आरोप लगा चुके हैं।