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AIIMS Raipur में सात माह के बच्चे के दिल का ऑपरेशन, सफलतापूर्वक लगा पेसमेकर

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रायपुर। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS Raipur) के चिकित्सकों ने सात महीने के बच्चे के हृद्य में छेद का इलाज करके और पेसमेकर लगाकर उसे एक नई जिंदगी प्रदान की है। बच्चा लगभग आठ महीने तक एम्स में वेंटीलेटर या आईसीयू में रहा और अब पूरी तरह से ठीक होकर डिस्चार्ज कर दिया गया है। बच्चे को नई जिंदगी मिलने के बाद अभिभावक अभिभूत हैं और उन्होंने एम्स के चिकित्सकों को धन्यवाद दिया है।

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बिहार स्थित दरभंगा के रहने वाले हथकरघा कारीगर के दो जुड़वा बच्चे वर्ष 2021 में पैदा हुए थे। इसमें एक बच्चे को वेंटीकुलर सेप्टल डिफेक्ट (हृद्य में छिद्र) की बीमारी थी। बच्चे को कई निजी अस्पतालों में दिखाने के बाद अभिभावक एम्स पहुंचे। 2.5 किलोग्राम के इस बच्चे को पहले निमोनिया पाया गया बाद की जांच में हृदय में छिद्र मिला। इसकी वजह से बच्चे को सांस लेने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था।

सितंबर 2021 में इस बच्चे को पीडियाट्रिक विभाग के माध्यम से सीटीवीएस के पीडियाट्रिक कॉर्डिक सर्जरी विभाग के चिकित्सकों को दिखाया गया। पहले बच्चे के फेफड़ों में इंफेक्शन को दूर किया गया इसके बाद नवंबर 2021 में बच्चे का वीएसडी क्लोजर ऑपरेशन किया गया।

दिसंबर में पुनः बच्चे के हृदय में ब्लॉकेज मिला जिसके बाद एक और ऑपरेशन कर पेसमेकर लगाया गया। इस दौरान नवंबर 2021 से अप्रैल 2022 तक बच्चा वेंटीलेटर पर रहा। आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत बच्चे को निःशुल्क उपचार प्रदान किया गया।

AIIMS Raipur से स्वस्थ होकर हुआ डिस्चार्ज

इस बच्चे को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया। बच्चा अब पूरी तरह से स्वस्थ है। उसका वजन भी छह किलोग्राम हो गया है। चिकित्सकों को इस उपलब्धि के लिए निदेशक प्रो. (डॉ.) नितिन एम. नागरकर ने बधाई दी है। उन्होंने कहा है कि एम्स भविष्य में भी इस प्रकार की कठिन सर्जरी के माध्यम से जरूरतमंदों को अपनी सेवाएं उपलब्ध करता रहेगा।
सीटीवीएस के डॉ. नितिन कश्यप और डॉ. जी. सौरभ ने बच्चे की चिकित्सा को चुनौतीपूर्ण बताते हुए कहा कि इस पूरी अवधि के दौरान अभिभावकों ने चिकित्सकों के प्रति पूर्ण विश्वास व्यक्त किया जिससे उपचार में काफी आसानी रही।

इन डॉक्टरों की रही अहम भूमिका

इस प्रक्रिया में कॉर्डियोलॉजी के डॉ. सत्यजीत सिंह, रेडियोडायग्नोसिस के डॉ. नरेंद्र बोधे पीडियाट्रिक्स के डॉ. अतुल जिंदल, सीटीवीएस के डॉ. सुरेंद्र नायक और डॉ. प्रणय, एनेस्थिसिया के डॉ. सुब्रत सिंघा, सीसीयू के डॉ. चिन्मय पांडा ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।

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एम्स में बुधवार और शनिवार को पीडियाट्रिक सर्जरी की ओपीडी आयोजित की जाती है जिसमें इस प्रकार के बच्चों को चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाती हैं। ओपीडी प्रारंभ होने के बाद से अब तक बड़ी संख्या में बच्चों को इस चिकित्सा का लाभ उपलब्ध हो चुका है।