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भाजपा की बैठक में बोले प्रधान, कृषि क़ानून से छत्तीसगढ़ के किसान होंगे लाभन्वित

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रायपुर। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए नए कृषि क़ानूनों को देशभर के अन्नदाता किसानों के लिए क्रांतिकारी परिवर्तन की शुरुआत बताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की कृषि नीति से सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ का किसान लाभन्वित होगा।

इससे किसानों की आय दोगुनी होगी। इस बिल से कृषि क्षेत्र में निवेश बढ़ेगा और किसानों की पहुँच विश्व बाजार तक होगी। छत्तीसगढ़ के किसान की उपज, वनोपज़, टेक्सटाइल उद्योग के लोग आत्मनिर्भर भारत के विचार से जुड़कर तरक्की कर रहे हैं। केंद्रीय मंत्री प्रधान सोमवार को छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी की नवगठित प्रदेश कार्यसमिति की पहली वर्चुअल बैठक के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे।

इससे पहले भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने कहा कि आज दुनियाभर में भारत को सम्मान की दृष्टि से देखा जा रहा है। कोविड-19 समेत अनेक तरह की वैश्विक चुनौतियों, आतंरिक समस्याओं-आलोचनाओं-विरोधों आदि को झेलते हुए भी आज भारत अगर आपदा में अवसर तलाश रहा है।

संकटों में भी आत्मनिर्भर भारत होने जैसा, लोकल के लिए वोकल होने जैसा हिम्मत हम कर पा रहे हैं, तो इसके लिए श्री मोदी के प्रेरक नेतृत्व व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगतप्रकाश नड्डा के सांगठनिक कौशल को श्रेय जाता है।

धरमलाल कौशिक ने राजनीतिक प्रस्ताव प्रस्तुत करते हुए केंद्र के कृषि सुधार कानून को किसानों की वास्तविक आज़ादी का घोषणा पत्र बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कृषि सुधार के एक नए युग ने प्रवेश करने के लिए धन्यवाद दिया।

उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में 2019 में 233 किसान और खेतिहर ने आत्महत्या की और स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के जिले में इसी माह नंदिनी थानान्तर्गत लीलूराम पटेल व प्रदेश के इतिहास में पहली बार नकली कीटनाशक के कारण दुर्गेश निषाद ने आत्महत्या कर ली।

भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि आज राजनीतिक प्रस्ताव और कृषि प्रस्ताव पर विस्तृत चर्चा हुई प्रस्ताव लाया गया। उन्होनें कहा कि प्रदेश में यह चर्चा है की कोई मुख्यमंत्री 2 साल में कैसे अलोकप्रिय हो सकता है ।

मुख्यमंत्री राज्यपाल को कहते है कि मर्यादा का पालन करें यह आश्चर्यजनक हैं। आज किसान अंदर ही अंदर आंदोलित है। दो साल का बोनस, समर्थन मूल्य नहीं दिया गया। महिलाएं शराब बंदी के झूठे वादे के बाद ठगी हुई महसूस कर रही हैं। युवा बेरोजगारी भत्ता की बांट जोह रहे हैं।