नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग से मैसूर विश्वविद्यालय के शताब्दी दीक्षांत समारोह में सम्मिलित हुए। इस दौरान उन्होंने छात्रों को संबोधित भी किया। प्रधानमंत्री ने मैसूर विश्वविद्यालय को प्राचीन भारत की समृद्ध शिक्षा व्यवस्था का प्रमुख केंद्र कहा है।
उन्होने छात्रों को सम्बोधित करते हुए कहा कि ” मैसूर यूनिवर्सिटी, प्राचीन भारत की समृद्ध शिक्षा व्यवस्था और भविष्य के भारत की Aspirations और Capabilities का प्रमुख केंद्र है। इस यूनिवर्सिटी ने “राजर्षि” नालवाडी कृष्णराज वडेयार और एम. विश्वेश्वरैया जी के विजन और संकल्पों को साकार किया है।”
आगे उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा “हमारे यहां शिक्षा और दीक्षा, युवा जीवन के दो अहम पड़ाव माने जाते हैं। ये हज़ारों वर्षों से हमारे यहां एक परंपरा रही है।जब हम दीक्षा की बात करते हैं, तो ये सिर्फ डिग्री प्राप्त करने का ही अवसर नहीं है। आज का ये दिन जीवन के अगले पड़ाव के लिए नए संकल्प लेने की प्रेरणा देता है।”
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शिक्षा के क्षेत्र में हुए विकास कार्यों का जिक्र करते हुए उन्होंने कुछ आंकड़े भी छात्रों से साझा किए। उन्होंने बताया कि “आज़ादी के इतने वर्षों के बाद भी साल 2014 से पहले तक देश में 16 IITs थीं। बीते 6 साल में औसतन हर साल एक नई IIT खोली गई है। इसमें से एक कर्नाटक के धारवाड़ में भी खुली है। 2014 तक भारत में 9 IIITs थीं। इसके बाद के 5 सालों में 16 IIITs बनाई गई हैं।
बीते पांच से छह साल में सात नए IIM स्थापित किए गए हैं। जबकि उससे पहले देश में 13 IIM ही थे। इसी तरह करीब छह दशक तक देश में सिर्फ सात एम्स देश में सेवाएं दे रहे थे। साल 2014 के बाद इससे दोगुने यानि 15 एम्स देश में या तो स्थापित हो चुके हैं या फिर शुरु होने की प्रक्रिया में हैं।”
LIVE: PM Shri @narendramodi addresses centenary convocation of University of Mysore. https://t.co/zDnTe0CiGi
— BJP (@BJP4India) October 19, 2020
नेशनल एजुकेशन पॉलिसी एक अभियान
पीएम मोदी ने कहा कि ” नेशनल एजुकेशन पॉलिसी, प्री नर्सरी से लेकर पीएचडी तक देश के पूरे Education Setup में Fundamental Changes लाने वाला एक बहुत बड़ा अभियान है। हमारे देश के सामर्थ्यवान युवाओं को और ज्यादा Competitive बनाने के लिए Multidimensional Approach पर फोकस किया जा रहा है।अगर NEP देश के एजुकेशन सेक्टर का भविष्य सुनिश्चित कर रही है , तो ये आप जैसे युवा साथियों को भी empower कर रही है। अगर खेती से जुड़े रिफॉर्म्स किसानों को सशक्त कर रहे हैं, तो लेबर रिफॉर्म्स लेबर और इंडस्ट्री दोनों को growth, security और thrust दे रहे हैं।”