अंबिकापुर। सूरजपुर जिले के तैमोर पिंघला अभयारण्य क्षेत्र (AMBIKAPUR NEWS) के तुम्बीबारी जंगल में एक हाथी का शव मिला। इसकी जानकारी ग्रामीणों ने वन विभाग के कर्मचारियों को दी। इसके बाद वन अफसर वेटनरी डॉक्टर के साथ मौके पर पहुंचे। जांच में हाथी के दोनों दांत गायब मिले। आशंका है कि शव के सड़ने के बाद तेंदू पत्ता तोड़ने वाले ग्रामीण दांत खींचकर ले गए होंगे। फिलहाल अफसर इसकी जांच में जुट गए हैं।
डॉक्टरों ने हाथी की मौत 7 दिन पहले होने का अनुमान लगाया है। मृत नर हाथी की उम्र करीब 22 साल थी। पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार किया गया। शव का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टर महेंद्र पांडे ने बताया कि हाथी का शव सड़ चुका हुआ था। उसके दोनों पैर टूटे हुए थे, वहीं हाथी के शरीर के कुछ भाग में दूसरे हाथी के हमले से हाथी के दांत गड़ने के गहरे निशान भी मिले हैं।
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मौके (AMBIKAPUR NEWS) पर दो हाथियों के बीच आपसी संघर्ष से आसपास पेड़ों के डाल टूटे हुए मिले हैं। मौके मिला डंडा को देख डॉक्टर ने आशंका जताई है कि इसके जरिए हाथी के दांत निकाले गए होंगे। हाथी के शव के पोस्टमार्टम के बाद कुछ आर्गन को सुरक्षित रखा गया है, जिसे जांच के लिए बरेली रिसर्च सेंटर भेजा जाएगा। ताकि मौत की वजह स्पष्ट हो सके।
जिम्मेदार गश्त करते तो दांत की नहीं होते चोरी
सात दिन में बाद हाथी का शव मिलने से हाथियों की मानिटरिंग पर तैनात (AMBIKAPUR NEWS) किए गए कर्मचारी व अफसरों की कार्य शैली पर भी सवाल उठने लगे हैं। क्षेत्र में हाथियों की गतिविधियों की निगरानी के लिए दल बनाए गए हैं और रमकोला क्षेत्र में तो हाथी रेस्क्यू सेंटर भी है, जहां ट्रेकर, महावत और अफसर रहते हैं।
तीन साल में 47 हाथियों की हो चुकी है मौत
प्रदेश में तीन साल में अब तक कुल 47 हाथियों (AMBIKAPUR NEWS) की मौत हो चुकी है। वहीं 207 लोगों की हाथियों के हमले से जान गई है। इसमें सबसे ज्यादा मौत सरगुजा संभाग में हुई है। क्षेत्र में 27 हाथी मारे गए हैं। अधिकांश मामलों में हाथियों की मौत इंसान व हाथियों के बीच होने वाला संघर्ष से हुई है। वजह रही है।