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काली कमाई का आरोप: 5 दिनों के ED रिमांड पर IAS पूजा सिंघल, BP की गोली खाकर काटी पहली रात

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रांची। लंबी पूछताछ के बाद आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल (POOJA SINGHAL) को ED ने गिरफ्तार कर लिया है। बाद में कोर्ट ने उन्हें 5 दिनों के रिमांड पर ईडी को सौंप दिया। यानी गुरुवार से 5 दिनों तक पूजा सिंघल ईडी की हिरासत में रहेंगी। इससे पहले बुधवार को पूजा सिंघल दुबारा पूछताछ के लिए रांची के ईडी कार्यालय पहुंची थी।बुधवार को ईडी की हिरासत में गई पूजस सिंघल ने पहली रात बीपी की गोली खाकर काटी। सूत्रों के अनुसार रात भर वो जागती रही। गुरुवार को आईएएस सिंघल से ईडी के अ​धिकारी पूछताछ करेंगे।

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मनरेगा की रा​शि गबन करने का आरोप

खूंटी में मनरेगा के धन के कथित गबन और अन्य आरोपों से जुड़ी धन शोधन जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने पति-पत्नी को आमने-सामने बिठाकर पूछताछ की, जिसके बाद दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया। मंगलवार को भी पूजा सिंघल और उनके पति से 9 घंटे से ज्यादा समय तक पूछताछ की गयी थी। ईडी ने उनसे उनकी आमदनी के स्रोतों, मनरेगा घोटाले में उनकी भूमिका और उनके बैंक खाते में जमा 1.67 करोड़ नकद राशि से संबंधित सवाल पूछे थे। वह झारखंड की पहली आइएएस अधिकारी हैं, जिनके ठिकानों पर ईडी ने मनी लाउंड्रिंग के आरोप में छापा मारा और पूछताछ के लिए समन जारी किया।

पूजा सिंघल (POOJA SINGHAL) के अलावा उनके पति अभिषेक झा और सीए सुमन कुमार से भी ईडी ने कड़ी पूछताछ की। पूजा सिंघल से जब बैंक खाते में जमा नकदी के बारे में पूछा गया था तो उन्होंने कुछ बताने में असमर्थता जतायी। ईडी ने मनरेगा घोटाले की जांच के दौरान यह पाया था कि पूजा सिंघल (POOJA SINGHAL) के नाम पर आइसीआइसी बैंक में खोले गये खाते में कई चरणों में नकद एक करोड़ रुपये जमा कराये गये थे। इसके अलावा पूजा सिंघल के खाते से कई बार सीएम सुमन कुमार को भी पैसे ट्रांसफर किये गये थे।

100 करोड़ से ज्यादा का निवेश

ईडी के अधिकारी अभिषेक झा के पल्स अस्पताल और पल्स डॉयग्नोस्टिक सेंटर के वित्तीय पहलुओं से जुड़े सवाल भी पूछ रहे हैं। इस अस्पताल में 100 करोड़ से ज्यादा का निवेश हुआ है, जबकि लोन केवल 25 करोड़ का लिया गया है। यहां से जब्त किये दस्तावेजों की जांच के लिए पूरी एक टीम लगी हुई है। माना जा रहा है कि कई फर्जी कंपनियों के जरिए पैसे का लेन-लेन किया गया और काली कमाई को सफेद करने की कोशिश हुई। दो साल पहले तत्कालीन अपर समाहर्ता और बड़गाईं सीओ ने इसकी जांच की थी, लेकिन जांच रिपोर्ट गायब हो गई है।