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मुंगेली के प्रेम आर्य गोबर बेचकर बन गए लखपति

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बिलासपुर। मुंगेली निवासी प्रेम आर्य गौशाला से निकले गोबर बेचकर खपति (MUNGELI NEWS) बन कर मिसाल कायम किया है। वे दूसरे लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बन गए हैं।

उन्होंने बताया कि उन्हें प्रेरणा दादाजी साधुराम आर्य से मिली। सन 1971-72 में घर में चार गाय थीं। उनकी प्रेरणा ही थी कि घर में सभी गौ सेवा में लगे रहते हैं। उन्होंने बताया कि सन 2024 तक उनके आर्य गौ शाला में चार सौ गाय हो जाएंगी। इसे लक्ष्य मानकर चल रहे हैं। वे वर्तमान में चेंबर आफ कामर्स के प्रदेश उपाध्यक्ष और मुंगेली चेंबर आफ कामर्स के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। उनकी गौ शाला में 14 लोगों का स्टाफ है दिन रात देखभाल की जाती है। नियमित उपचार के लिए पशु चिकित्सक सुबह शाम जांच करते हैं। उन्हें छह हजार प्रतिमाह दिए जाते हैं। रात में गाय की देखभाल के लिए तीन लोगों की ड्यूटी लगती है। वे स्वयं गौ शाला की सेवा में समर्पित हैं। वे गोबर तो बेचते हैं रोज दूध नगर के होटल, रेस्टोरेंट में सप्लाई करते हैं। अभी 40 रुपये लीटर बेच रहे हैं।

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उन्होंने शुरुआत में 32 गाय के लिए बैंक से लोन लिया है जिसे गौशाला की आय से जमा करते हैं। गाय को गर्मी नहीं लगे इसके लिए 16 कूलर (MUNGELI NEWS) लगे हुए हैं। इन गायों का गोबर साफ करने डेयरी की देखभाल रखरखाव करने के लिए 14 कर्मचारियों की टीम है। प्रतिदिन सवा चार क्विंटल चारा लगता है। 10 बोरी दाना रायपुर से मंगवाते हैं। एक पशु चिकित्सक भी नियुक्त हैं। मवेशियों के लिए हर महीने 20 से 25 हजार की दवा भी आती है।

शुरू से गौ सेवा के प्रति लगाव

उल्लेखनीय है कि मुंगेली के शंकर मंदिर निवासी गो-पालक (MUNGELI NEWS)  प्रेम आर्य ने बताया कि उन्होंने सन् 2016 में आठ गायों के साथ डेयरी शुरू की थी। प्रेम आर्य पेशे से जनरल स्टोर के मालिक हैं। गायों के प्रति लगाव की वजह से एक छोटी डेयरी शुरू की। कुछ समय बाद उन्होंने और सात गाय खरीदी। एक वक्त के बाद उन्हें लगा कि अब डेयरी व्यवसाय बंद करना पड़ेगा। प्रेम आर्य ने बताया कि योजना लाभदायक है इससे लोगों को आर्थिक सहायता मिल रहा है।