रायपुर। एनआरडीए को कर्ज से उबारने के लिए जनवरी (RAIPUR NEWS) में योजना बनाकर छत्तीसगढ़ राज्य उत्पादन कंपनी को नवा रायपुर शिफ्ट करने की तैयारी की गई थी। लेकिन इसके खिलाफ जब बिजली विभाग के अधिकारियाें और कर्मचारियों ने ही माेर्चा खाेल दिया ताे इसकाे शिफ्ट करने का मामला फिलहाल ताे टाल दिया गया है। लेकिन इसके आगे भी शिफ्ट हाेने की संभावना बहुत कम है, क्याेंकि बिजली विभाग के अधिकारियाें और कर्मचारियों का साफ कहना है कि जब भी इसकाे शिफ्ट करने का प्रयास हाेगा, इसका कड़ा विराेध किया जाएगा।
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एनआरडीए द्वारा लोन की किश्त नहीं चुकाने की वजह से यूनियन बैंक ने एनआरडीए के खिलाफ नए साल के पहले ही माह में कुर्की की कार्रवाई शुरू की तो इसको रोकने के लिए प्रदेश सरकार ने रायपुर के कुछ सरकारी दफ्तरों को नया रायपुर ले जाने की तैयारी की। सबसे पहले राज्य (RAIPUR NEWS) की विद्युत उत्पादन कंपनी का नाम सामने आया। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत कंपनी में उत्पादन, पारेषण, वितरण, होल्डिंग और ट्रेडिंग को मिलाकर कुल पांच कंपनियां हैं। पांचों कंपनियां रायपुर स्थित डगनिया मुख्यालय में संचालित हो रही हैं।
मुख्यालय में जगह की कमी नहीं
पॉवर उत्पादन कंपनी को नवा रायपुर शिफ्ट करने का फैसला किया गया तो इसकी जानकारी होने पर इसके विरोध में छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज आफिसर्स एसोसिएशन उतरा। इस मामले (RAIPUR NEWS) में संघ के महासचिव सौमित्र दुबे का कहना है, नया रायपुर में एनआरडीए की बिल्डिंग में एक 50 हजार और एक 17 हजार वर्गफीट का फ्लोर लिया गया, इसका किराया ही हर माह का 20 से 25 लाख होगा। संघ ने जब एमडी के सामने अपना विरोध दर्ज किया तो इसके बाद यह मामला अध्यक्ष अंकित आनंद तक गया। इसके बाद से अब तक इस मामले में कुछ नहीं किया गया है।
शिफ्ट करने ही नहीं देंगे
उत्पादन कंपनी के यहां पर सिविल, एसएनपी, वित्त, योजना विभाग सहित कई विभाग हैं, जिसमें चार साै से ज्यादा अधिकारी और कर्मचारी काम करते हैं। दफ्तर के नवा रायपुर शिफ्ट होने पर सबको परेशानी का सामना करना पड़ेगा। इनके आने-जाने के परिवहन पर भी बहुत खर्च होगा। इसी के साथ समय भी बहुत लगेगा। कर्मचारी नेताओं का साफ कहना किसी भी हाल में दफ्तर को शिफ्ट करने नहीं देंगे। जब भी इसको वहां ले जाने की बात सामने आएगी इसका विरोध किया जाएगा।